क्या राजस्थान के डीग जिले में साइबर ठगों पर पुलिस ने शिकंजा कसा?

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क्या राजस्थान के डीग जिले में साइबर ठगों पर पुलिस ने शिकंजा कसा?

सारांश

राजस्थान के डीग जिले में पुलिस ने 'ऑपरेशन एंटी वायरस' के तहत 30 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने लाखों का माल जब्त किया और उच्च अधिकारियों के निर्देश पर साइबर अपराधियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया। यह कार्रवाई जिले में बढ़ती साइबर ठगी की घटनाओं को रोकने के लिए की गई है।

Key Takeaways

  • साइबर अपराध के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई महत्वपूर्ण है।
  • 30 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया है।
  • पुलिस ने लाखों का माल जब्त किया।
  • साइबर ठग फर्जी विज्ञापनों के जरिए ठगी करते थे।
  • डीग जिला अब साइबर ठगी का हॉटस्पॉट बन चुका है।

डीग, २५ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के डीग जिले में साइबर अपराध के विरुद्ध पुलिस ने एक और महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। एसपी ओमप्रकाश मीणा के निर्देशन में 'ऑपरेशन एंटी वायरस' के तहत गांव भीलमका में छापेमारी कर ३० साइबर ठगों को पकड़ा गया। मौके से २८ मोबाइल फोन, ३५ सिम कार्ड, ४ ट्रैक्टर, २ कार और २ बाइक जब्त की गईं।

आरोपी ठग सोशल मीडिया के माध्यम से फर्जी विज्ञापनों और सेक्सटॉर्शन के जरिए लाखों-करोड़ों की ठगी कर चुके थे। पुलिस अब इन ठगों से गहन पूछताछ कर रही है ताकि पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके। एसपी ओमप्रकाश मीणा ने बताया कि उच्च अधिकारियों के निर्देश पर साइबर अपराधियों को जड़ से खत्म करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

एडीशनल एसपी अखिलेश शर्मा के नेतृत्व में दो घंटे के सर्च ऑपरेशन में ये गिरफ्तारियां हुईं। उन्होंने कहा, "हम हॉटस्पॉट गांवों को चिह्नित कर अपराधियों की सूची तैयार कर रहे हैं। मेरे तीन महीने के कार्यकाल में ३५० से अधिक साइबर ठगों को सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है। साइबर सेल की तकनीक से लोकेशन ट्रेस की जा रही है और ठगी की संपत्ति पर नकेल कसी जाएगी। नए कानून के तहत कुर्की की कार्रवाई भी की जाएगी।"

डीग जिला, जिसे कभी 'राजस्थान का जामताड़ा' कहा जाता था, अब साइबर ठगी का हॉटस्पॉट बन चुका है। यहां युवा गैंग जंगलों और खेतों में छिपकर ठगी करते हैं। गिरफ्तार ठगों ने स्वीकार किया है कि वे फर्जी सिम और चोरी के मोबाइल से फेसबुक-इंस्टाग्राम पर अकाउंट बनाते हैं। डीपी पर लड़की की फोटो लगाकर बुजुर्गों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं। मैसेंजर पर 'हैलो-हाय' से व्हाट्सएप नंबर लेते हैं, फिर फर्जी नग्न वीडियो दिखाकर शिकार की वीडियो रिकॉर्ड कर लेते हैं और फिर ब्लैकमेल करते हैं। बदनामी के डर से शिकार मोटी रकम ट्रांसफर कर देते हैं।

एक और तरीका फर्जी विज्ञापनों का है। फेसबुक पर लकड़ी के सुंदर मंदिर की फोटो डालकर संपर्क आते ही डिलीवरी चार्ज मांगते हैं। फिर 'फेल्ड' बताकर बार-बार पैसे ऐंठते हैं, न मंदिर भेजते हैं न रिफंड। ये ठग नए-नए पैंतरे अपनाते रहते हैं, जैसे पेन-पेंसिल पैकिंग या अन्य फर्जी प्रोडक्ट्स।

पुलिस ने बताया कि ये गिरोह मेवात, जामताड़ा और असम तक फैले हुए हैं।

Point of View

और पुलिस की यह कार्रवाई एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दर्शाता है कि प्रशासन साइबर सुरक्षा को गंभीरता से ले रहा है। समय की मांग है कि ऐसे गिरोहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि लोगों के विश्वास को बहाल किया जा सके।
NationPress
25/10/2025

Frequently Asked Questions

डीग में पुलिस ने कितने साइबर ठगों को पकड़ा?
डीग में पुलिस ने 30 साइबर ठगों को पकड़ा है।
पुलिस ने कितने मोबाइल फोन जब्त किए?
पुलिस ने 28 मोबाइल फोन जब्त किए हैं।
साइबर ठग किस प्रकार से ठगी करते थे?
साइबर ठग सोशल मीडिया पर फर्जी विज्ञापनों और सेक्सटॉर्शन के जरिए ठगी करते थे।
पुलिस का अगला कदम क्या है?
पुलिस इन ठगों से गहन पूछताछ कर पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने की कोशिश कर रही है।
डीग जिला पहले किस नाम से जाना जाता था?
डीग जिला पहले 'राजस्थान का जामताड़ा' के नाम से जाना जाता था।