क्या राजस्थान ने 'अनोखी' पहल से 65,490 पशुओं का इलाज किया?

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क्या राजस्थान ने 'अनोखी' पहल से 65,490 पशुओं का इलाज किया?

सारांश

राजस्थान के पशुपालन विभाग की नई चैटबॉट प्रणाली ने 65,490 पशुओं का इलाज किया। जानें कैसे इस तकनीकी पहल ने पशुपालकों की जिंदगी में बदलाव लाया है।

Key Takeaways

  • चैटबॉट प्रणाली ने पशु चिकित्सा सेवाओं को तेज और सुलभ बनाया है।
  • 65,490 पशुओं को चिकित्सा सहायता मिली है।
  • अन्य राज्यों में इस पहल को अपनाने की संभावनाएं हैं।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल किया जाएगा।
  • राजस्थान डिजिटल पशु स्वास्थ्य सेवाओं में अग्रणी है।

जयपुर, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के पशुपालन विभाग ने बीमार पशुओं के इलाज के लिए चैटबॉट-आधारित प्रणाली शुरू करके तकनीकी नवाचार में एक "ऐतिहासिक कदम" उठाया है।

यह अग्रणी पहल पशुपालकों को बीमारियों, लक्षणों और संबंधित समस्याओं की सीधे विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों को रिपोर्ट करने में सक्षम बनाती है, जिससे त्वरित चिकित्सा मार्गदर्शन सुनिश्चित होता है।

पिछले छह महीनों में 82,713 पशुपालकों ने इस प्लेटफॉर्म का उपयोग किया है, जिसके परिणामस्वरूप 65,490 पशुओं को चिकित्सा सहायता मिली है।

केंद्रीय राज्य मंत्री बघेल ने इस पहल की सराहना की और इसे अन्य राज्यों द्वारा अपनाए जाने योग्य एक आदर्श बताया। उन्होंने इस नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत की प्रशंसा की और देश भर में चैटबॉट प्रणाली के व्यापक कार्यान्वयन का आग्रह किया।

पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि राजस्थान सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़, पशुपालन को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि चैटबॉट जैसे तकनीकी हस्तक्षेप पशुपालकों तक सीधे पशु चिकित्सा सेवाएं पहुंचाकर वास्तविक बदलाव ला रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि चिकित्सा सहायता प्रत्येक पशुपालक तक उनके घर तक पहुंचे।

विभाग के सचिव समित शर्मा ने बताया कि पशु रोगों का त्वरित विश्लेषण और अधिक सटीक निदान संभव बनाने के लिए चैटबॉट को कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ एकीकृत करने की योजना है।

उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने राजस्थान की 1962 मॉडल की चैटबॉट प्रणाली की प्रशंसा की है और इसी तरह की सुविधा अपनाने का निर्णय लिया है।

महाराष्ट्र के कृषि, पशुपालन, डेयरी विकास एवं मत्स्य पालन विभाग के उप सचिव एमबी मराले ने 1962 महापशुधन संजीवनी ऐप के अंतर्गत एक व्हाट्सएप-आधारित चैटबॉट शुरू करने का निर्देश दिया है।

पशुपालन विभाग के निदेशक आनंद सेजरा के मुताबिक, चैटबॉट प्रणाली ने पशु चिकित्सा सेवाओं को तेज, अधिक पारदर्शी और ज्यादा सुलभ बना दिया है। इसने उपचार वितरण में तेजी लाई है और पशु मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी लाई है।

पशु चिकित्सक अब ऑनलाइन परामर्श प्रदान करते हैं और आवश्यकता पड़ने पर स्थानीय पशु चिकित्सालयों के माध्यम से तत्काल उपचार की सुविधा प्रदान करते हैं।

यह अभिनव पहल पूरे राजस्थान में पशुपालकों को पर्याप्त राहत प्रदान कर रही है और राज्य को डिजिटल पशु स्वास्थ्य सेवाओं में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बना रही है।

Point of View

बल्कि पशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन भी लाया है। यह पहल अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण बन सकती है, जिससे देश भर में पशुपालन को सशक्त किया जा सके।
NationPress
17/11/2025

Frequently Asked Questions

राजस्थान में चैटबॉट प्रणाली का लाभ क्या है?
चैटबॉट प्रणाली ने पशुपालकों को त्वरित चिकित्सा सेवाएं प्रदान की हैं, जिससे 65,490 पशुओं का इलाज संभव हुआ है।
क्या अन्य राज्यों ने भी इस प्रणाली को अपनाने की योजना बनाई है?
हाँ, महाराष्ट्र सरकार ने भी इसी तरह की चैटबॉट प्रणाली अपनाने का निर्णय लिया है।
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