क्या राजस्थान: कांग्रेस नेता रामेश्वर डूडी का निधन एक बड़ा आघात है?

सारांश
Key Takeaways
- रामेश्वर डूडी का निधन राजस्थान की राजनीति में एक बड़ा शून्य छोड़ गया है।
- उन्होंने किसानों के हितों के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए।
- मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री ने उनके योगदान को सराहा है।
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामेश्वर डूडी का शनिवार को 62 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे। उनके निधन पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
रामेश्वर डूडी उत्तर-पश्चिमी राजस्थान में किसानों की मजबूत आवाज के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र राजनीति में एनएसयूआई से की थी। 1995 में वे नोखा के प्रधान बने और पंचायती राज में सक्रिय रहे।
वे राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके थे। उनके निधन से राजस्थान की राजनीति में एक बड़ा शून्य पैदा हुआ है। डूडी को उनके सादगी भरे जीवन और जनसेवा के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
कांग्रेस नेता के निधन पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दुख जताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि राजस्थान विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने परमधाम में स्थान दें व शोकाकुल परिवारजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति प्रदान करे।
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने एक्स पर पोस्ट किया, "पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं बीकानेर से सांसद रहे रामेश्वर डूडी का निधन बेहद दुखद है। करीब 2 साल तक बीमार रहने के बाद इतनी अल्पायु में उनका जाना हमेशा खलता रहेगा। यह मेरे लिए व्यक्तिगत तौर पर एक आघात है।"
उन्होंने आगे कहा कि रामेश्वर डूडी ने अपनी हर भूमिका का निर्वहन अच्छे से किया। वो मेरे साथ सांसद, विधायक और हमारे नेता प्रतिपक्ष रहे। किसान वर्ग के लिए वह हमेशा काम करते रहे। मुझे याद है कि दौरा पड़ने से कुछ दिन पूर्व ही वह मुझसे मिलने आए थे और हमारे बीच लंबी बातचीत हुई थी।
हमने उनके इलाज के लिए बेहतर से बेहतर प्रबंध किए। एक सक्रिय जीवन जीने वाले डूडी जी का ऐसे बीमार होना हम सबके मन को कचोटता था। मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति एवं परिजनों को हिम्मत देने की प्रार्थना करता हूं।