क्या समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल बरेली जाने पर अड़ा रहेगा? पुलिस ने लगाया पहरा

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क्या समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल बरेली जाने पर अड़ा रहेगा? पुलिस ने लगाया पहरा

सारांश

समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल बरेली में हाल के घटनाक्रमों का अध्ययन करने के लिए अड़ा रहा, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। क्या यह लोकतांत्रिक अधिकार का उल्लंघन है? जानिए इस राजनीतिक घटनाक्रम के पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • बरेली में प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया था।
  • समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल प्रभावित परिवारों से मिलने की कोशिश कर रहा था।
  • पुलिस ने सुरक्षा कारणों से प्रतिनिधिमंडल को रोका।
  • प्रशासन का रुख अलोकतांत्रिक बताया गया।
  • बरेली में हालात सामान्य करने के लिए प्रशासन ने कड़ी निगरानी शुरू की है।

लखनऊ, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बरेली में हंगामे के लगभग एक हफ्ते बाद, शनिवार को एक हाई वोल्टेज राजनीतिक ड्रामा देखने को मिला। समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल बरेली में पुलिस की लाठियां खाने वाले लोगों से मिलने के लिए अड़ा रहा, लेकिन जगह-जगह पहरा लगा रही पुलिस ने उन्हें रोक दिया।

उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता विपक्ष माता प्रसाद पांडे के लखनऊ स्थित आवास के बाहर भारी पुलिस तैनाती की गई। सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के घर के बाहर भी पुलिस बल तैनात है।

असल में, समाजवादी पार्टी के 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को शनिवार को बरेली जाना था, जिसकी अगुवाई खुद माता प्रसाद पांडे को करनी थी। सपा ने तय किया कि यह प्रतिनिधिमंडल बरेली में उन लोगों और परिवारों से मुलाकात करेगा, जिनके खिलाफ प्रदर्शन के दौरान एक्शन हुआ। पार्टी नेताओं का कहना है कि सपा का यह प्रतिनिधिमंडल बरेली में हाल के घटनाक्रमों, विशेष रूप से सामाजिक और कानून-व्यवस्था से जुड़े मुद्दों के बारे में समझना चाह रहा था।

माता प्रसाद पांडे ने कहा, "हम शांतिपूर्ण तरीके से बरेली जाकर जनता की आवाज उठाना चाहते हैं। यह हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है।" उन्होंने प्रशासन के रुख को अलोकतांत्रिक बताया और कहा कि जनप्रतिनिधियों को रोकना संविधान के खिलाफ है।

उन्होंने यह भी कहा कि वहां कोई सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ। वहां के लोग शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात कहने जा रहे थे, लेकिन लोगों पर मुकदमे लिखे जा रहे हैं और उन्हें जेलों में डाला जा रहा है। वहां के लोग प्रशासन से भयभीत हैं।

समाजवादी पार्टी के नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर उनके नेताओं को बरेली जाने से रोका गया, तो वे धरना-प्रदर्शन पर बैठेंगे।

इस बीच, पुलिस और प्रशासन ने बरेली के प्रवेश मार्गों पर कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। अधिकारियों के अनुसार, अभी बरेली जाने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। पुलिस का कहना है कि सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।

वहीं, बरेली प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि मौजूदा परिस्थितियों में किसी भी राजनीतिक गतिविधि की अनुमति नहीं दी जा सकती है। बरेली प्रशासन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को जिले में प्रवेश की अनुमति नहीं है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमने शांति व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए सभी राजनीतिक दलों को यहां आने से मना किया है, जिससे यहां की कानून व्यवस्था ठीक रहे और शांति बनी रहे।

गौरतलब है कि बरेली में 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर विवाद को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था। इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा के ऐलान के बाद यह प्रदर्शन हुआ था, जिसे पुलिस ने अनुमति नहीं दी थी।

बाद में भीड़ के बेकाबू होने के कारण पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस मामले में अब तक कई लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

--- राष्ट्र प्रेस

विकेटी/डीसीएच

Point of View

यह स्पष्ट है कि लोकतंत्र में राजनीतिक गतिविधियों को रोकना एक गंभीर चिंता का विषय है। जब प्रतिनिधि अपने अधिकारों का उपयोग करते हैं, तो प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए। यह देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था की मजबूती के लिए आवश्यक है।
NationPress
04/10/2025

Frequently Asked Questions

समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल बरेली क्यों जाना चाहता था?
प्रतिनिधिमंडल बरेली में हाल के घटनाक्रमों और प्रभावित लोगों से मिलने के लिए जाना चाहता था।
पुलिस ने प्रतिनिधिमंडल को क्यों रोका?
पुलिस ने सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए प्रतिनिधिमंडल को रोका।
क्या बरेली में कोई सांप्रदायिक दंगा हुआ था?
प्रतिनिधियों का कहना है कि वहां कोई सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ।
समाजवादी पार्टी ने प्रशासन के खिलाफ क्या कहा?
सपा ने प्रशासन के रुख को अलोकतांत्रिक बताया और कहा कि यह संविधान के खिलाफ है।
क्या बरेली प्रशासन ने राजनीतिक गतिविधियों की अनुमति दी है?
बरेली प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि मौजूदा परिस्थितियों में किसी भी राजनीतिक गतिविधि की अनुमति नहीं है।