क्या राजस्थान विधानसभा में कैमरे को लेकर जोगाराम पटेल के बयान ने विपक्ष को बेनकाब किया?

सारांश
Key Takeaways
- जोगाराम पटेल ने विपक्ष के आरोपों को नकारा।
- विधानसभा में पुराने कैमरे लगे हुए हैं।
- विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है।
- राजस्थान की राजनीति में कांग्रेस की स्थिति कमजोर हो रही है।
- विधानसभा अध्यक्ष का पक्ष निष्पक्ष है।
जोधपुर, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने रविवार को जोधपुर सर्किट हाउस में जनता की समस्याओं को सुना। इस दौरान प्रेस वार्ता में कैबिनेट मंत्री ने विधानसभा में लगे कैमरों को लेकर विपक्ष के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया।
जोगाराम पटेल ने कहा, "न तो विधानसभा में कैमरे बढ़ाए गए हैं, और न ही महिलाओं पर कोई कैमरे लगाए गए हैं। जब से विधानसभा भवन बना है, तब से कैमरे यहां लगे हुए हैं। वर्तमान समय को ध्यान में रखते हुए कुछ नए हाई डेफिनिशन कैमरे लगाए गए हैं और पुराने को हटा दिया गया है।"
उन्होंने आगे कहा कि इस पूरे मामले पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने पहले ही स्पष्टता प्रदान की है। इसके बावजूद विपक्ष जिस प्रकार आरोप लगा रहा है, वह निंदनीय है।
जोगाराम पटेल ने कहा कि विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है, इसलिए वे इस तरह के गलत आरोप लगा रहे हैं। यदि विपक्ष सही है, तो उन्हें विधानसभा के फ्लोर में मुद्दे उठाने चाहिए थे।
उन्होंने कहा कि विपक्ष विधानसभा में जनसमस्याओं को नहीं उठाता, बल्कि लोगों को गुमराह करने के लिए आरोप लगा रहा है। उनके पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है।
जोगाराम पटेल ने कहा कि राजस्थान में कई मुख्यमंत्री रहे हैं, लेकिन भजन लाल शर्मा सबसे अधिक सक्रिय हैं। मुख्यमंत्री की सक्रियता से विपक्ष असंतुष्ट हो गया है और इस तरह के बयानों का सहारा ले रहा है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष किसी पक्ष का नहीं होता और वह दोनों पक्षों की बात सुनता है। विपक्ष का आरोप विधानसभा अध्यक्ष पर गलत है और हम इसकी निंदा करते हैं।