क्या तेजस्वी पर दिलीप जायसवाल का तंज सही है?

सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव का स्वास्थ्य व्यवस्था पर हमला
- दिलीप जायसवाल का बुनियादी ढांचों की कमी पर बाण
- एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन का उत्साह
- महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि
- बिहार के विकास पर विचार
पटना, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार देर रात पूर्णिया के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच) का औचक निरीक्षण किया और प्रदेश सरकार पर स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली को लेकर तीखा हमला किया। इस पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने जोरदार पलटवार किया।
उन्होंने कहा कि जिन्होंने आजादी के बाद से 70 वर्षों तक बिहार में कोई बुनियादी ढांचा नहीं बनाया, वे अब दूसरों पर आरोप लगाकर सारा दोष मढ़ रहे हैं। बिहार की जनता जानती है कि आपने क्या दिया है - न पक्की सड़कें, न बिजली, केवल लालटेन। न रेलवे, न हवाई अड्डे, न कोई समुचित व्यवस्था। क्या आपने अपने समय में मेडिकल कॉलेज बनवाया था? जब मेडिकल कॉलेज बनेगा, तभी डॉक्टर आएंगे। नर्सिंग कॉलेज बनने के बाद नर्स बनेंगी। यह सब बातें जिसके पास विवेक नहीं है, वह भी समझता है। पहले इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना होता है, तभी फैकल्टी और स्टाफ मिलते हैं। बिहार अब बहुत आगे बढ़ चुका है।
एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। यह सम्मेलन अपने अंतिम चरण में है, जिसमें अब तक 141 विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया जा चुका है। रविवार को एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इस दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और बिहार जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा समेत कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
बिहार जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन के आखिरी चरण का कार्यक्रम चल रहा है। अभी तक 141 विधानसभा कवर हो चुकी हैं और चौथे चरण के खत्म होने तक 154 विधानसभा कवर हो जाएंगी। एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन में काफी उत्साह है। नेता से लेकर कार्यकर्ता तक उत्साहित हैं। एनडीए का नारा है, 2025 से 30 फिर से नीतीश 225। इसे पूरा करने के लिए सभी लोग लगे हैं।
उन्होंने कहा कि एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन की सफलता ने चट्टानी एकता को दर्शाया है। यह तय किया गया था कि हर विधानसभा और जिले में ऐसे सम्मेलन होंगे। एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन में भारी भीड़ आई है। हैरान करने वाली बात यह है कि इसमें महिलाएं आधी से ज्यादा संख्या में पहुंच रही हैं, जो दिखाता है कि एनडीए के प्रति महिलाओं का कितना रुझान है।