क्या मुझे हिंदी की सिद्धि ने प्रसिद्धि प्रदान की?

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क्या मुझे हिंदी की सिद्धि ने प्रसिद्धि प्रदान की?

सारांश

आशुतोष राणा ने हिंदी दिवस के मौके पर एक भावुक संदेश साझा किया है। उन्होंने हिंदी के महत्व और उसके द्वारा मिली गरिमा के बारे में बताया। उनके नाटक 'हमारे राम' का 300वां मंचन वडोदरा में होने जा रहा है। जानें, उनकी बातों का महत्व क्या है और कैसे हिंदी हमें जोड़ती है।

Key Takeaways

  • हिंदी हमारी मातृभाषा है और संस्कृति का हिस्सा है।
  • हिंदी का सम्मान सभी पर है।
  • आशुतोष राणा ने हिंदी के माध्यम से प्रसिद्धि पाई।
  • हिंदी हमें हमारी जड़ों से जोड़ती है।
  • नाटक 'हमारे राम' का 300वां मंचन महत्वपूर्ण है।

मुंबई, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर रविवार को अभिनेता आशुतोष राणा ने अपने इंस्टाग्राम पर एक गहन संदेश साझा किया। उन्होंने बताया कि हिंदी कैसे लोगों को उनकी जड़ों, संस्कृति और मूल्यों से जोड़ती है। उन्होंने सभी से हिंदी का सम्मान करने और इसे मनाने का आग्रह किया। साथ ही, बताया कि इस दिन उनके नाटक का मंचन होने वाला है।

आशुतोष राणा ने इस पोस्ट में लिखा, 'कुछ लोग हिंदी बोलकर इसे गरिमा प्रदान करते हैं। मैं उन भाग्यशाली लोगों में से हूं, जिसे हिंदी ने गरिमा दी है।'

उन्होंने आगे लिखा, 'कुछ विशेष व्यक्तियों ने हिंदी का परिष्कार किया। मैं उन व्यक्तियों में से हूं, जिसे हिंदी ने निखारा है। कुछ सिद्ध व्यक्तियों ने हिंदी को प्रसिद्धि दी। मैं उन भाग्यशाली लोगों में से हूं, जिसे हिंदी की सिद्धि ने प्रसिद्धि दी। मातृभाषा और मातृभूमि हमारी संस्कृति के स्तम्भ हैं, ये हमें संसार से अड़ना नहीं, बल्कि जुड़ना सिखाते हैं। इसलिए इनका ऋण कभी नहीं चुकाया जा सकता।'

इसके बाद, उन्होंने एक कविता भी साझा की जिसमें लिखा-

“यह केवल एक भाषा नहीं, यह हमारी मां है, जो हमें रचती है,

जब इसकी लाज होती है, तब हमारी लाज भी बचती है।

अगर तुमने इसे छोड़ दिया, तो तुम भी खो जाओगे,

दुनिया नहीं, तुम खुद से ही दूर हो जाओगे।

उठो, जागो, इसे प्यार दो, इसे सम्मान दो,

यह तुम्हारे मान और सम्मान का संसार है।

तुम नहीं, यह धरती डोल जाएगी,

तुम्हारे कर्मों की गाथा सदियों तक सुनाएगी।

कहेगी यह हमारे अन्नदाता और ज्ञानदाता हैं,

कहेगी यह हमारे मान और अभिमान के स्रोत हैं।

कहेगी यह हमारे दुखों और कष्टों का नाशक है,

कहेगी यह हमारे धर्म के रक्षक हैं।”

आशुतोष ने हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए बताया कि इस अवसर पर उनके नाटक 'हमारे राम' का 300वां मंचन वडोदरा में होगा। अपनी प्रभावशाली आवाज और हिंदी पर अच्छी पकड़ के लिए जाने जाने वाले अभिनेता को आखिरी बार फिल्म 'वॉर-2' में देखा गया था, जिसमें उन्होंने कर्नल लुथरा का किरदार निभाया था।

Point of View

बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आशुतोष राणा का यह संदेश हमें प्रेरित करता है कि हम हिंदी का सम्मान करें और इसे अपने जीवन में अपनाएं।
NationPress
14/09/2025

Frequently Asked Questions

हिंदी दिवस कब मनाया जाता है?
हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है।
आशुतोष राणा ने हिंदी दिवस पर क्या साझा किया?
उन्होंने हिंदी के महत्व और उसकी गरिमा के बारे में एक भावुक संदेश साझा किया।
आशुतोष राणा का कौन सा नाटक मंचित हो रहा है?
उनका नाटक 'हमारे राम' का 300वां मंचन वडोदरा में होगा।
हिंदी का हमारे जीवन में क्या महत्व है?
हिंदी हमारी पहचान, संस्कृति और मूल्यों को दर्शाती है।
आशुतोष राणा ने हिंदी को कैसे बताया?
उन्होंने हिंदी को गरिमा और प्रसिद्धि देने वाली भाषा बताया।