क्या वाराणसी में पुलिस ने एक अधिवक्ता को बुरी तरह पीटा?

Click to start listening
क्या वाराणसी में पुलिस ने एक अधिवक्ता को बुरी तरह पीटा?

सारांश

वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र में एक अधिवक्ता के साथ पुलिस द्वारा की गई बर्बरता का मामला सामने आया है। अधिवक्ता को गंभीर चोटें आई हैं और उन्हें ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। मामले में न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।

Key Takeaways

  • पुलिस द्वारा अधिवक्ता के साथ मारपीट की गई।
  • अधिवक्ता को गंभीर चोटें आईं।
  • घटना के विरोध में अधिवक्ता संगठनों ने प्रदर्शन किया।
  • दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई।
  • मामले में एफआईआर दर्ज की गई है।

वाराणसी, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र में पुलिस द्वारा एक अधिवक्ता के साथ बर्बरता का एक मामला सामने आया है, जिसमें पुलिस ने अधिवक्ता राहगीर को इतनी खतरनाक तरीके से पीटा कि वह गंभीर रूप से लहूलुहान हो गए। गंभीर अवस्था में उन्हें ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराना पड़ा, जहाँ उनका इलाज चल रहा है।

पीड़ित अधिवक्ता शिवा प्रताप सिंह ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ लक्ष्मीकुंड मंदिर में दर्शन कर लौट रहे थे, तभी पुलिसकर्मियों ने वन-वे रास्ते पर जाने के लिए उन्हें रोका। इस बात पर बहस शुरू हुई, जो देखते ही देखते हिंसक झड़प में बदल गई। पुलिसकर्मियों ने अधिवक्ता को मौके पर ही पीट दिया, जिससे वह लहूलुहान हो गए। गंभीर हालत में उन्हें ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया, जहाँ उनका इलाज जारी है। यह पूरी घटना शनिवार की रात लगभग 8 बजे की है।

शिवा प्रताप सिंह ने कहा, "मैं अपनी पत्नी के साथ मंदिर से लौट रहा था, जब पुलिसकर्मियों ने हमें वन-वे पर रोक लिया। सामान्य पूछताछ के दौरान बहस बढ़ गई, और पुलिसकर्मियों ने मारपीट शुरू कर दी।" उनका आरोप है कि पुलिस ने उन्हें बेरहमी से पीटा, जिसके कारण उनके सिर और शरीर पर गंभीर चोटें आईं। स्थानीय लोगों ने बीच-बचाव कर उन्हें ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया।

अधिवक्ता ने अपने साथ हुई बर्बरता के खिलाफ न्याय की मांग की है और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की अपील की है।

घटना की जानकारी मिलते ही अधिवक्ता संगठनों ने भेलूपुर थाने पर प्रदर्शन शुरू कर दिया और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। संगठनों के दबाव के बाद पुलिस ने देर रात एफआईआर दर्ज की। एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 352 (आपराधिक बल), 115(2) (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 109(1) (आपराधिक साजिश), और 324(4) (खतरनाक हथियार से चोट) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

अधिवक्ताओं में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है। अधिवक्ता संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर दोषियों को सजा नहीं मिली, तो वे आंदोलन तेज करेंगे।

Point of View

NationPress
14/09/2025

Frequently Asked Questions

इस घटना में पुलिसकर्मियों पर क्या आरोप हैं?
पुलिसकर्मियों पर अधिवक्ता के साथ मारपीट करने और उन्हें गंभीर चोटें पहुंचाने का आरोप है।
अधिवक्ता को किस अस्पताल में भर्ती कराया गया?
अधिवक्ता को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है।
क्या अधिवक्ता ने न्याय की मांग की है?
हाँ, अधिवक्ता ने अपने साथ हुई बर्बरता के खिलाफ न्याय की मांग की है।
अधिवक्ता संगठनों का क्या रुख है?
अधिवक्ता संगठनों ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
क्या पुलिस ने एफआईआर दर्ज की?
हाँ, पुलिस ने देर रात एफआईआर दर्ज की है।