क्या प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से राजकोट के व्यापारी आत्मनिर्भर बन रहे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से छोटे व्यापारियों को लोन मिल रहा है।
- लोन की राशि 10 लाख तक हो सकती है।
- कम ब्याज दरों का लाभ उठाया जा सकता है।
- यह योजना आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती है।
- कई लोग इस योजना के माध्यम से रोजगार प्राप्त कर रहे हैं।
राजकोट, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना छोटे व्यापारियों और गरीबों के लिए अत्यंत लाभदायक सिद्ध हुई है। इस योजना के अंतर्गत छोटे व्यापारियों को आसानी से लोन मिल रहा है, जिससे वे अपने व्यवसाय को बढ़ाकर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहे हैं।
यह योजना आज देश के नागरिकों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रही है। इसके तहत करोड़ों लोगों ने अपने रोजगार की शुरुआत की है और अब वे एक सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर रहे हैं। गुजरात के राजकोट निवासी नरेश भाई मीरानी ने भी इस योजना का लाभ उठाकर अपना व्यवसाय शुरू किया है। उन्हें प्रारंभ में 50 हजार रुपए का मुद्रा लोन मिला था।
छोटे व्यापारियों को व्यापार में लाभ और पूंजी की आसानी के लिए मुद्रा योजना के तहत लोन की शुरुआत की गई थी।
राजकोट के जंक्शन प्लॉट मेन रोड पर कपड़े की दुकान चलाने वाले नरेश भाई मीरानी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि जब उन्होंने अपने व्यवसाय की शुरुआत की थी, तब उन्हें पैसों की आवश्यकता थी। इसलिए उन्होंने एसबीआई बैंक से प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 50 हजार रुपए का लोन लिया। अब उन्होंने 5 लाख से अधिक लोन प्राप्त किया है और नियमित रूप से किस्तें चुका रहे हैं। कम ब्याज दर के कारण उनका व्यापार भी काफी लाभ में चल रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री की इस योजना का स्वागत करते हुए इसे एक उत्कृष्ट पहल बताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) की शुरुआत की थी, जिसके अंतर्गत 10 लाख रुपए तक का लोन उपलब्ध कराया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य छोटे व्यवसायों और पहली पीढ़ी के उद्यमियों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देना है।