क्या उपराष्ट्रपति ने राजनांदगांव में लखपति दीदियों को सम्मानित किया?
सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है।
- स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर महिलाएं आत्मनिर्भरता प्राप्त कर सकती हैं।
- उपराष्ट्रपति का सम्मान महिलाओं के प्रयासों को मान्यता देता है।
- सरकार का सहयोग महिलाओं की सशक्तिकरण में सहायक है।
- लखपति दीदियों का उदाहरण अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा है।
राजनांदगांव, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने बुधवार को छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव जिले का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने स्टेट स्कूल मैदान में आयोजित “लखपति दीदी” कार्यक्रम में भाग लेकर महिलाओं के आत्मनिर्भरता के प्रयासों की सराहना की।
कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति ने जिले की 11 लखपति दीदियों को सम्मानित किया, जिन्होंने स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अपने परिश्रम और मेहनत से आर्थिक सशक्तिकरण का एक उदाहरण पेश किया है। सम्मान मिलने के बाद लखपति दीदियों ने कहा कि यह सम्मान उनके जीवन की सबसे गौरवपूर्ण घड़ी है।
पद्मश्री फुल बासन ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "यह सम्मान केवल मेरा नहीं, बल्कि जिले की हर उस बहन का है जो समूह से जुड़कर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कार्य कर रही है। मैं मंच पर गई, लेकिन यह गौरव पूरे जिले की महिलाओं का है।" उन्होंने आगे कहा कि अगर शासन-प्रशासन का निरंतर सहयोग मिलता रहा, तो गांव की महिलाएं और भी सशक्त बनेंगी।
जिला पंचायत सीईओ सुरुचि ने कहा कि लखपति दीदियों पर केंद्रित यह महिला सम्मेलन महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता और सामाजिक सशक्तिकरण का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “आज 11 लखपति दीदियों को उपराष्ट्रपति के हाथों सम्मान मिला। यह अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। महिलाएं घर की जिम्मेदारियों के साथ-साथ समाज और अर्थव्यवस्था में भी बराबरी का योगदान दे सकती हैं।”
लखपति दीदी दिव्या निषाद ने बताया, “उपराष्ट्रपति ने हमें मोमेंटो दिया। यह हमारे लिए गर्व का क्षण है। लखपति दीदी बनने के बाद हमें कम ब्याज पर लोन आसानी से मिल जाता है। प्रधानमंत्री मोदी का सपना 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाना अब साकार होता दिख रहा है। इसके लिए पीएम मोदी को बहुत धन्यवाद देना चाहती हूं।”
महाकमलेश्वरी समूह से जुड़ी लखपति दीदी रुक्मणी साहू ने कहा कि समूह से जुड़ने के बाद उन्हें कई जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिला है। कम ब्याज पर लोन मिलने से व्यवसाय को बढ़ावा मिला है, इसके लिए मैं प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करती हूं।
वहीं, संजना निर्मलकर ने बताया कि वे मां भवानी स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं और समूह से मिले सहयोग से उन्होंने जनरल स्टोर और मछली पालन का व्यवसाय शुरू किया है। उन्होंने कहा कि समूह के सहयोग से आजीविका का विस्तार हुआ है और परिवार आर्थिक रूप से सशक्त हुआ है।