क्या मध्य प्रदेश में 7 नवंबर को 150 स्थानों पर वंदे मातरम का वाचन होगा?
सारांश
Key Takeaways
- वंदे मातरम की रचना के 150 साल पूरे होने का उत्सव।
- प्रदेश के 150 स्थानों पर वाचन होगा।
- यह कार्यक्रम 7 से 26 नवंबर तक चलेगा।
- हर जिले और शैक्षणिक संस्थान की भागीदारी।
- कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और मंत्रीगण शामिल होंगे।
भोपाल, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रगीत वंदे मातरम की रचना को सात नवंबर को 150 साल पूरे हो रहे हैं। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी ने वंदे मातरम 150 अभियान का आयोजन किया है। इस दौरान प्रदेश के 150 स्थानों पर वंदे मातरम का वाचन किया जाएगा।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने इस अभियान की जानकारी देते हुए कहा कि ‘वंदे मातरम’ वह राष्ट्रगीत है, जिसने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लाखों भारतीयों को देशभक्ति, त्याग और मातृभूमि के प्रति समर्पण की भावना से ओतप्रोत किया। सात नवंबर, 2025 को बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित 'वंदे मातरम' अपनी रचना के 150 वर्ष पूर्ण कर रहा है। भाजपा इस गीत की वर्षगांठ को देश और प्रदेश में उत्सव के रूप में मनाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकास के साथ ही विरासत को संजोने का कार्य कर रहे हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष खंडेलवाल ने आगे कहा कि ‘वंदेमातरम-150’ केवल शब्द नहीं, बल्कि भारत की आत्मा की आवाज है, जिसने हमें स्वाधीनता का स्वप्न देखने और उसे साकार करने की प्रेरणा दी। भाजपा इस गीत के 150 वर्ष पूर्ण होने का उत्सव मना रही है, जो केवल एक दिन का नहीं, बल्कि सात से 26 नवंबर (संविधान दिवस) तक चलने वाला राष्ट्रव्यापी उत्सव होगा, जिसमें हर जिले और हर शैक्षणिक संस्थान की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। वंदे मातरम (अपने मूल स्वरूप में) का वाचन प्रदेश के 150 स्थानों पर, कम से कम 150 व्यक्तियों द्वारा किया जाएगा। इस पूरे अभियान में सेमिनार, प्रदर्शनी, साहित्यिक प्रतियोगिताएं, सोशल मीडिया अभियान और लेखन गतिविधियां होंगी, ताकि युवाओं तक इस गीत का संदेश पहुंचे।
उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में यह कार्यक्रम एक साथ शुरू होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भोपाल के शौर्य स्मारक में उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा, मध्य प्रदेश शासन के मंत्रीगण प्रदेश के 10 संभागों में जनता के साथ जुड़कर इस गीत से अभिव्यक्त होने वाली राष्ट्रभावना को सशक्त बनाएंगे।
एसआईआर को लेकर खंडेलवाल ने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस के शासनकाल में भी चुनाव आयोग द्वारा (एसआईआर) अभियान चलाया जाता रहा है। एसआईआर पहली बार नहीं हो रहा है, लेकिन लगातार चुनावों में मिल रही हार की खीझ उतारने कांग्रेस नेता राहुल गांधी आरोप लगा रहे हैं। चुनाव आयोग द्वारा सही मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में जोड़ने और गलत तरीके से जुड़े नामों को हटाने के लिए ही एसआईआर अभियान चलाया जा रहा है। इस कार्य में तो कांग्रेस सहित सभी दलों को चुनाव आयोग का साथ देना चाहिए। चुनाव आयोग लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए ही एसआईआर कर रहा है। कांग्रेस जहां चुनाव हार जाती है, वहां इस प्रकार के भ्रामक आरोप लगाती है।