क्या राजनाथ सिंह को देश के रक्षामंत्री के रूप में तथ्यात्मक बातें नहीं करनी चाहिए?
सारांश
Key Takeaways
- राजनाथ सिंह के बयानों ने राजनीतिक चर्चा को जन्म दिया है।
- कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने उनकी बातें चुनौती दी हैं।
- राजनीतिक बयानबाजी में तथ्यात्मकता का महत्व बढ़ रहा है।
ग्वालियर, 11 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सिंध प्रांत और देश के बॉर्डर के संबंध में दिए गए बयान चर्चा का विषय बने हुए हैं। कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने सोमवार को रक्षा मंत्री के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।
दरअसल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को दिल्ली में आयोजित सिंधी सम्मेलन में कहा कि भले ही वर्तमान में सिंध भारतीय भूमि का हिस्सा न हो, लेकिन यह हमेशा सभ्यता के नजरिए से भारत का हिस्सा रहेगा। बॉर्डर के संदर्भ में उन्होंने कहा, "कब बॉर्डर बदल जाए, यह कोई नहीं जानता। संभव है कि कल सिंध फिर भारत में जुड़ जाए।"
जयवर्धन सिंह ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "राजनाथ सिंह देश के रक्षा मंत्री हैं, और ऐसे बड़े पद पर रहते हुए हमें उनसे तथ्यात्मक जानकारी की उम्मीद है। हमारे पड़ोसी देशों के संदर्भ में, ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से हमें उम्मीद थी कि हम पीओके में कुछ हासिल कर सकेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कहा था कि उन्होंने युद्ध को रोका।"
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तुलना करते हुए कहा, "इंदिरा गांधी ने विदेशी दबाव को नकारा था। करीब 50 वर्ष पहले, जब पाकिस्तान ने हम पर आक्रमण किया था, तो अमेरिका ने इंदिरा जी को युद्ध रोकने के लिए फोन किया था, लेकिन उन्होंने नहीं रुकी। उन्होंने पूर्व पाकिस्तान में जाकर उसे आजाद किया। इंदिरा गांधी और नरेंद्र मोदी में यही अंतर है। भाजपा के लोग जो वादे करते हैं, उन्हें पूरा करें। पिछले 12 वर्षों से उनकी सरकार है, फिर ऐसा क्यों नहीं कर पा रहे हैं?"
उन्होंने मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर कहा, "इस अभियान की शुरुआत उस समय हुई है जब कई लोग गांव से बाहर मजदूरी के लिए जाते हैं। उन्हें एक महीने के अंदर सत्यापन करना है। कई लोग हैं जिनका जन्म 2003 के बाद हुआ, लेकिन उनके माता-पिता का प्रमाण नहीं मिल पा रहा। कई गांवों में 1000 वोटर्स में से आधे लोग बाहर हैं। वे 4 दिसंबर तक वापस नहीं लौट सकेंगे। बिना किसी कारण वोटरों को परेशान किया जा रहा है।"