क्या राज्य के हर व्यक्ति की खाद्य सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है? - सीएम ममता बनर्जी

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क्या राज्य के हर व्यक्ति की खाद्य सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है? - सीएम ममता बनर्जी

सारांश

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विश्व खाद्य दिवस पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य हर व्यक्ति को खाद्य सुरक्षा प्रदान करना है। कई महत्वपूर्ण योजनाओं के माध्यम से करोड़ों लोगों को लाभ मिल रहा है, जिससे यह सुनिश्चित हो रहा है कि कोई भी भूखा न रहे।

Key Takeaways

  • खाद्य सुरक्षा को प्राथमिकता देना राज्य सरकार का प्रमुख लक्ष्य है।
  • लगभग 9 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है।
  • विशेष पैकेज के तहत 54 लाख लोगों को खाद्यान्न दिया जा रहा है।
  • त्योहारों पर गरीब परिवारों के लिए विशेष सब्सिडी दी जाती है।
  • 'मां' परियोजना के तहत 356 कैंटीनों के माध्यम से सस्ता भोजन उपलब्ध है।

कोलकाता, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विश्व खाद्य दिवस के मौके पर सभी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं और बताया कि राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य हर व्यक्ति हेतु खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है। उन्होंने साझा किया कि 2011 से अब तक राज्य सरकार ने इस दिशा में कई अभूतपूर्व कदम उठाए हैं, जिनका लाभ करोड़ों लोगों को मिल रहा है।

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर कहा कि राज्य सरकार की 'खाद्यसाथी' योजना के तहत लगभग 9 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। इनमें से 7 करोड़ 50 लाख लोग हर महीने 'दुआरे राशन' योजना के माध्यम से अपने घर पर राशन प्राप्त कर रहे हैं, जबकि बाकी लाभार्थी अपनी पसंद की राशन दुकानों से खाद्यान्न ले रहे हैं।

ममता बनर्जी ने बताया कि लगभग 54 लाख लोगों, जिनमें जंगलमहल क्षेत्र के लोग, चक्रवात 'आइला' से प्रभावित परिवार, सिंगूर के किसान परिवार, जो अपनी जमीन लौटाने के पक्ष में नहीं थे, टोतो जनजाति और चाय बागान मजदूर शामिल हैं, इन्हें विशेष पैकेज के तहत बढ़ी हुई दर पर खाद्यान्न प्रदान किया जा रहा है।

त्योहारों के अवसर पर भी गरीब परिवारों का विशेष ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा, काली पूजा, छठ पूजा, रमजान और ईद जैसे अवसरों पर गरीब परिवारों को चीनी, आटा और चना (विशेष रूप से रमजान के दौरान) सब्सिडी दरों पर उपलब्ध कराए जाते हैं।

गरीब और जरूरतमंद लोगों को सस्ती दर पर भोजन उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार की 'मां' परियोजना भी एक बड़ी सफलता साबित हुई है। इस योजना के तहत 356 मां कैंटीनों के माध्यम से जरूरतमंद लोगों को मात्र 5 रुपए में पौष्टिक भोजन दिया जा रहा है। अब तक 8 करोड़ 58 लाख से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं।

खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार ने इस वर्ष 16 लाख 50 हजार किसानों से 56 लाख 33 हजार मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीद की है। मुख्यमंत्री ने बताया कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य सीधे उनके बैंक खातों में जमा किया गया है।

राज्यभर में 'सुफल बांग्ला' की 745 दुकानों के माध्यम से लोगों को सब्जियां और फल बाजार से कम कीमतों पर मिल रहे हैं। अब इन दुकानों में मछलियां भी सस्ती दरों पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। लोगों की सुविधा के लिए सुफल बांग्ला के केंद्रों की संख्या को और बढ़ाने की योजना है।

ममता बनर्जी ने कहा, "हमारा संकल्प है कि बंगाल में किसी को भूखा न रहना पड़े। हर नागरिक का खाद्य अधिकार सुरक्षित रहे। इसके लिए हमारी सरकार लगातार कार्य करती रहेगी।"

आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट के अंत में उन्होंने लिखा, "जय बांग्ला!"

Point of View

यह स्पष्ट है कि खाद्य सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो हर नागरिक के जीवन को प्रभावित करता है। पश्चिम बंगाल सरकार की योजनाएं, जो गरीबों और जरूरतमंदों को लक्षित करती हैं, एक सकारात्मक दिशा में कदम हैं। इन पहलों का उद्देश्य सभी नागरिकों को एक स्वस्थ और सुरक्षित जीवन जीने का अधिकार देना है, जो कि एक समृद्ध समाज के लिए आवश्यक है।
NationPress
16/10/2025

Frequently Asked Questions

राज्य सरकार की खाद्य सुरक्षा योजनाएं क्या हैं?
राज्य सरकार की प्रमुख खाद्य सुरक्षा योजनाओं में 'खाद्यसाथी', 'दुआरे राशन', और 'मां' परियोजना शामिल हैं, जो गरीबों को मुफ्त राशन और सस्ते भोजन उपलब्ध कराती हैं।
क्या राज्य सरकार ने खाद्य सुरक्षा के लिए कोई विशेष कदम उठाए हैं?
हाँ, राज्य सरकार ने 2011 से कई अभूतपूर्व कदम उठाए हैं, जैसे किसान से धान की रिकॉर्ड खरीद और त्योहारों के दौरान विशेष सब्सिडी।
कितने लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है?
लगभग 9 करोड़ लोगों को राज्य सरकार के तहत मुफ्त राशन दिया जा रहा है।
क्या त्योहारों के दौरान गरीब परिवारों का ध्यान रखा जाता है?
हाँ, त्योहारों के अवसर पर गरीब परिवारों को चीनी, आटा और चना जैसे आवश्यक वस्त्र सब्सिडी दरों पर उपलब्ध कराए जाते हैं।
मां परियोजना का उद्देश्य क्या है?
मां परियोजना का उद्देश्य जरूरतमंद लोगों को मात्र 5 रुपए में पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है।