क्या भारत और ऑस्ट्रेलिया ने क्लीन एनर्जी सेक्टर में सहयोग बढ़ाने का फैसला किया?

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क्या भारत और ऑस्ट्रेलिया ने क्लीन एनर्जी सेक्टर में सहयोग बढ़ाने का फैसला किया?

सारांश

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्लीन एनर्जी सेक्टर में सहयोग को बढ़ाने की घोषणा की। यह साझेदारी दोनों देशों के लिए मैन्युफैक्चरिंग और तकनीकी विकास में महत्वपूर्ण होगी। जानिए इस सहयोग की विस्तृत जानकारी और इसके संभावित लाभ।

Key Takeaways

  • भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्लीन एनर्जी में सहयोग बढ़ रहा है।
  • सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान किया जाएगा।
  • मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी साझा करने पर जोर दिया जाएगा।
  • इंडिया-ऑस्ट्रेलिया ग्रीन हाइड्रोजन टास्कफोर्स की रिपोर्ट लॉन्च की गई।
  • दोनों देशों के बीच साझेदारी को मजबूत किया जाएगा।

नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को जानकारी दी कि भारत और ऑस्ट्रेलिया ने क्लीन एनर्जी सेक्टर में सहयोग को मजबूत करने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, दोनों देश एक-दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाकर मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी का आदान-प्रदान करने के लिए भी प्रोत्साहित करेंगे।

केंद्रीय मंत्री जोशी ने राष्ट्रीय राजधानी में ऑस्ट्रेलिया के जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा मंत्री क्रिस बोवेन से मुलाकात की। इस संबंध में केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा की।

जोशी ने एक्स पर लिखा, "ऑस्ट्रेलिया के जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा मंत्री क्रिस बोवेन के साथ एक उत्तम मीटिंग हुई। उन्होंने प्रतिभाशाली लोगों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया और हमारी चर्चा क्लीन एनर्जी में सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित रही।"

उन्होंने आगे बताया कि बोवेन ने सुझाव दिया कि भारत को ऊर्जा परिवर्तन में ऑस्ट्रेलिया को अपना सबसे अच्छा दोस्त मानना चाहिए।

इस पर केंद्रीय मंत्री जोशी ने कहा कि हम इस साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

उन्होंने लिखा, "हमने एक-दूसरे देश की सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाकर मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी साझा करने को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है।"

केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि उन्होंने इंडिया-ऑस्ट्रेलिया ग्रीन हाइड्रोजन टास्कफोर्स की रिपोर्ट भी लॉन्च की, जो कि दोनों देशों के सहयोग के लिए मजबूत नींव और स्पष्ट दिशा प्रदान करती है।

जोशी ने लिखा, "एक सस्टेनेबल एनर्जी के भविष्य को आकार देने के लिए हम मजबूत साझेदारी की ओर बढ़ रहे हैं।"

इससे पहले बोवेन ने नई दिल्ली में अपने एक भाषण में भारत को डिजिटल और टेक्नोलॉजी का ग्लोबल लीडर बताया।

उन्होंने कहा, "हमारे पास अविश्वसनीय रूप से पूरक शक्तियां हैं। ऑस्ट्रेलिया क्लीन एनर्जी नवाचार, आरएंडडी और शिक्षा में गहरी विशेषज्ञता रखता है। भारत डिजिटल और तकनीक में एक ग्लोबल लीडर और एक महाशक्ति है। ऑस्ट्रेलिया भारत की तकनीकी उपलब्धियों का सम्मान करता है। भारत को कई मायनों में दुनिया का नेतृत्व करते हुए देखा है। जब कौशल की बात आती है तो हमारे दोनों देशों के पास प्रचुर प्रतिभा है, हमें अधिक रिन्यूएबल क्षमता को अनलॉक करने की आवश्यकता है।"

Point of View

बल्कि यह वैश्विक ऊर्जा संकट के समाधान में भी सहायक होगा। यह साझेदारी दोनों देशों के बीच तकनीकी और औद्योगिक समृद्धि की नई संभावनाएं खोलेगी।
NationPress
16/10/2025

Frequently Asked Questions

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्लीन एनर्जी सहयोग का मुख्य उद्देश्य क्या है?
मुख्य उद्देश्य क्लीन एनर्जी सेक्टर में प्रगति करना और एक-दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना है।
इस सहयोग से किस प्रकार के लाभ होंगे?
यह सहयोग ऊर्जा परिवर्तन, मैन्युफैक्चरिंग और तकनीकी विकास में सहायक होगा।