क्या भारत की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता 250.64 गीगावाट तक पहुंच गई है?

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क्या भारत की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता 250.64 गीगावाट तक पहुंच गई है?

सारांश

भारत की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता 250.64 गीगावाट तक पहुंच गई है, जिसमें सौर ऊर्जा का सबसे बड़ा योगदान है। इस विकास ने भारत को वैश्विक सौर ऊर्जा उत्पादक के रूप में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। जानिए इसके पीछे के कारण और भविष्य की संभावनाएं।

Key Takeaways

  • भारत ने रिन्यूएबल एनर्जी में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
  • सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी सबसे अधिक है।
  • भविष्य में बिजली उत्पादन में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ने की उम्मीद है।

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की कुल स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) क्षमता 31 अक्टूबर तक 250.64 गीगावाट तक पहुंच गई है, जिसमें सौर ऊर्जा की प्रमुख हिस्सेदारी है। यह जानकारी बुधवार को सरकार द्वारा संसद में प्रस्तुत की गई।

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपाद येसो नाइक ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि सौर ऊर्जा क्षमता मार्च 2014 में 2.82 गीगावाट से बढ़कर 129.92 गीगावाट हो गई है, जबकि पवन ऊर्जा क्षमता मार्च 2014 में 21.04 गीगावाट से बढ़कर 53.60 गीगावाट और बायोमास ऊर्जा क्षमता 8.18 गीगावाट से बढ़कर 11.61 गीगावाट हो गई है।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा में तेजी से हो रही वृद्धि में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है। पिछले 11 वर्षों में देश की सौर ऊर्जा क्षमता 2.8 गीगावाट से बढ़कर लगभग 130 गीगावाट हो गई है, जो 4,500 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है। अकेले 2022 से 2024 के बीच, भारत ने वैश्विक सौर ऊर्जा क्षमता में 46 गीगावाट का योगदान दिया और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक बन गया है।

इस वित्त वर्ष में, देश में गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता में अब तक की सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई, जो 31.25 गीगावाट रही, जिसमें 24.28 गीगावाट सौर ऊर्जा शामिल है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत के बिजली उत्पादन में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 25 में 22.1 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 30 तक 35 प्रतिशत से अधिक होने की उम्मीद है। इस दौरान ऊर्जा क्षमता में लगभग 200 गीगावाट का इजाफा होने का अनुमान है।

रेटिंग एजेंसी आईसीआरए की रिपोर्ट में बताया गया कि यह बदलाव कई कारकों पर निर्भर करेगा, जिसमें वर्तमान प्रोजेक्ट्स का क्रियान्वयन और इनके पीपीए (पावर परचेज एग्रीमेंट) का होना, नए रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए समय पर टेंडर का जारी होना आदि शामिल हैं।

आईसीआरए के मुताबिक, मजबूत नीतिगत समर्थन, बेहतर टैरिफ प्रतिस्पर्धात्मकता और बड़े वाणिज्यिक और औद्योगिक (सी एंड आई) ग्राहकों द्वारा स्थिरता संबंधी पहलों के कारण रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र का दृष्टिकोण "स्थिर" बना हुआ है।

Point of View

भारत ने न केवल अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भी नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बन गया है। यह वृद्धि देश की ऊर्जा स्वतंत्रता और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता कितनी है?
भारत की कुल स्थापित रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता 31 अक्टूबर तक 250.64 गीगावाट है।
सौर ऊर्जा की क्षमता में कितनी वृद्धि हुई है?
सौर ऊर्जा क्षमता मार्च 2014 में 2.82 गीगावाट से बढ़कर 129.92 गीगावाट हो गई है।
भारत वैश्विक सौर ऊर्जा उत्पादन में कहाँ खड़ा है?
भारत अब वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक बन चुका है।
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