क्या मैं खुद रियलिटी चेक करूंगा? बांग्लादेशियों के भागने की घटनाओं पर बोले बंगाल के राज्यपाल
सारांश
Key Takeaways
- राज्यपाल का रियलिटी चेक महत्वपूर्ण है।
- फ्री और फेयर इलेक्शन का पालन आवश्यक है।
- राज्य सरकार और इलेक्शन कमीशन के बीच संवाद जरूरी है।
- पैनिक रिएक्शन से बचना चाहिए।
- संविधान में चेक्स एंड बैलेंस हैं।
कोलकाता, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल से बांग्लादेशी नागरिकों के भागने की घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए, राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा है कि वह भारत-बांग्लादेश सीमा का दौरा करेंगे और इसके बाद अपनी राय व्यक्त करेंगे।
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मीडिया से बातचीत में कहा, "मैं बॉर्डर पर जाऊंगा, रियलिटी चेक करूंगा और उसके बाद इस पर टिप्पणी करूंगा।"
इसके अलावा, उन्होंने पश्चिम बंगाल में एसआईआर के बीच बीएलओ के कथित आत्महत्या की घटना पर भी विचार साझा किए।
राज्यपाल ने कहा, "ऐसी परिस्थितियों में, बिना सोचे समझे प्रतिक्रिया देना उचित नहीं है। मुख्यमंत्री द्वारा दी गई जानकारी का गहराई से अध्ययन होना चाहिए। मुझे भरोसा है कि हमारे पास एक इलेक्शन कमीशन है जो काफी सक्षम है और जो संतुलित दृष्टिकोण रखता है। इन सभी मामलों की सही तरीके से जांच की जा सकती है और उचित समाधान निकाले जा सकते हैं। लेकिन यह भी आवश्यक है कि इस देश में फ्री और फेयर इलेक्शन का पालन सही तरीके से किया जाए।"
उन्होंने सभी को पैनिक रिएक्शन से बचने की सलाह दी। राज्यपाल ने बताया कि संविधान में समस्याओं के समाधान के लिए पर्याप्त चेक्स एंड बैलेंस हैं। उन्होंने कहा, "राज्य सरकार और इलेक्शन कमीशन के बीच संवाद होना चाहिए। गवर्नर के रूप में, मैं दोनों के बीच की खाई को पाटने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए तत्पर हूं।"
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने अपने कार्यालय में तीसरा वर्ष पूरा होने पर कोलकाता के राजभवन में योग अवेयरनेस प्रोग्राम आयोजित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा, "इससे मुझे बहुत संतोष और आत्म-संतोष प्राप्त होता है। मैं अपने आपको बंगाल के लोगों, विशेषकर बच्चों, नई पीढ़ी, बुजुर्गों और समाज के सभी वर्गों की सेवा में समर्पित करूंगा। राजभवन के दरवाजे लोगों के लिए हमेशा खुले रहेंगे।"