क्या राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने 50 मोटरसाइकिलों के बेड़े को हरी झंडी दिखाई?

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क्या राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने 50 मोटरसाइकिलों के बेड़े को हरी झंडी दिखाई?

सारांश

पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने आज चंडीगढ़ में 50 मोटरसाइकिलों के बेड़े को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस पहल का उद्देश्य सड़क सुरक्षा और नागरिक सुरक्षा को बढ़ावा देना है। जानें इस पहल के पीछे का महत्व और चंडीगढ़ पुलिस की उपलब्धियों के बारे में।

Key Takeaways

  • राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया द्वारा 50 मोटरसाइकिलों का बेड़ा रवाना किया गया।
  • यह पहल चंडीगढ़ पुलिस और होंडा इंडिया फाउंडेशन के बीच है।
  • मोटरसाइकिलें क्विक रिस्पॉन्स टीम के लिए हैं।
  • रिस्पॉन्स टाइम 5.6 मिनट है, जो देश में सबसे अच्छा है।
  • यह पहल सड़क सुरक्षा में एक मील का पत्थर साबित होगी।

चंडीगढ़, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब के राज्यपाल एवं केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने आज "सड़क सहयोगी-सुरक्षित मार्ग, सुरक्षित जीवन" थीम पर आधारित 50 मोटरसाइकिलों के बेड़े को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

यह पहल चंडीगढ़ पुलिस और मेसर्स होंडा इंडिया फाउंडेशन के बीच हुए समझौता ज्ञापन के तहत शुरू की गई है। इन मोटरसाइकिलों पर पुरुष और महिला पुलिसकर्मियों की जोड़ियां तैनात होंगी, जो क्विक रिस्पॉन्स टीम (क्यूआरटी) के रूप में काम करेंगी।

ये वाहन जन सेवा, त्वरित कार्रवाई और नागरिक सुरक्षा के प्रतीक के रूप में कार्य करेंगे, जो सड़क पर हर जीवन की रक्षा के लिए समर्पित एक संवेदनशील प्रशासन को दर्शाते हैं। कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल कटारिया ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि होंडा इंडिया फाउंडेशन ने चंडीगढ़ की कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए यह योगदान दिया है।

उन्होंने कहा, "होंडा परिवार का बहुत-बहुत धन्यवाद। कुल मिलाकर लगभग 1.35 करोड़ रुपये कीमत की 50 गाड़ियां हैं। एक गाड़ी की कीमत लगभग 2.70 लाख रुपये है। उन्होंने हमें इतना बड़ा सीएसआर फंड दिया है।"

राज्यपाल ने बताया कि गिरोत्रा ने अपनी होंडा कंपनी से कहा था कि आपका सीएसआर फंड चंडीगढ़ पुलिस को दे दिया जाए, ताकि यहां की कानून व्यवस्था बनाए रखी जा सके।

उन्होंने चंडीगढ़ पुलिस की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि हमारा रिस्पॉन्स टाइम आज भी देश में नंबर वन है, जो औसतन 5.6 मिनट का है, जबकि पूरे देश का औसत 18.6 मिनट है। उन्होंने कहा कि इन नई गाड़ियों से इसमें और सुधार होगा, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर बनेगी। टूरिस्ट पॉइंट्स को सुरक्षित रखा जा सकेगा। हमने ऐसे ऐप्स के जरिए वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं को जोड़ा है। अगर 112 पर कोई कॉल आती है, तो हम तुरंत मदद पहुंचा सकते हैं।

राज्यपाल ने नए आपराधिक कानूनों की सफलता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि हम तीनों नए कानूनों को लागू करने वाले देश में पहले स्थान पर हैं। पहले हमारा सजा प्रतिशत 45-50% था, लेकिन अब नए कानूनों के अनुसार यह 91% से ज्यादा हो गया है। अब तक हमने 181 फैसले लिए हैं, जिनमें से 165 में सजा सुनाई गई है। यह एक बड़ी उपलब्धि है।"

कटारिया ने बताया कि पहले जांच का औसत समय 3 साल था, लेकिन अब यह 97 दिनों में पूरा हो जाता है। पॉक्सो एक्ट के तहत हम अभी भी देश में सबसे तेज हैं, जहां औसत समय 60 दिन है। हम पॉक्सो एक्ट की सभी प्रक्रियाएं पूरी तरह निभाते हैं।

कार्यक्रम में चंडीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और होंडा इंडिया फाउंडेशन के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। राज्यपाल ने कहा कि यह पहल सड़क सुरक्षा और अपराध नियंत्रण में मील का पत्थर साबित होगी। चंडीगढ़ पुलिस ने बताया कि ये मोटरसाइकिलें शहर के व्यस्त इलाकों में तैनात होंगी, जहां से त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सकेगी।

उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से भारत पहले दुनिया के 11वें स्थान पर था, आज चौथे पर पहुंच गया है। आत्मनिर्भरता के मोर्चे पर हथियारों के मामले में हम इतने सक्षम हो गए हैं कि हाल ही में पाकिस्तान के सारे प्रयास विफल हो गए। इससे न सिर्फ पाकिस्तान को सबक मिला, बल्कि दुनिया को एहसास हो गया कि भारत अब 2025 का मजबूत भारत है। 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आ रहे हैं, जो देश की सबसे बड़ी उपलब्धि है।

Point of View

यह पहल न केवल चंडीगढ़ में बल्कि पूरे देश में सड़क सुरक्षा और कानून व्यवस्था को मज़बूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सुनिश्चित करता है कि प्रशासन नागरिकों की सुरक्षा के प्रति गंभीर है और इसे सशक्त बनाता है।
NationPress
08/10/2025

Frequently Asked Questions

राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने किस विषय पर मोटरसाइकिलों का बेड़ा रवाना किया?
उन्होंने "सड़क सहयोगी-सुरक्षित मार्ग, सुरक्षित जीवन" थीम पर मोटरसाइकिलों का बेड़ा रवाना किया।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इसका मुख्य उद्देश्य सड़क सुरक्षा और नागरिक सुरक्षा को बढ़ावा देना है।
इन मोटरसाइकिलों की कीमत क्या है?
इन मोटरसाइकिलों की कुल कीमत लगभग 1.35 करोड़ रुपये है।
चंडीगढ़ पुलिस का रिस्पॉन्स टाइम कितना है?
चंडीगढ़ पुलिस का औसत रिस्पॉन्स टाइम 5.6 मिनट है।
क्या यह पहल चंडीगढ़ पुलिस के लिए महत्वपूर्ण है?
हाँ, यह पहल चंडीगढ़ पुलिस की कार्यक्षमता और त्वरित प्रतिक्रिया को और बेहतर बनाएगी।