क्या अमेरिकी टैरिफ और एसआईआर पर राज्यसभा में हंगामा हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- राज्यसभा में हंगामा हुआ।
- विपक्ष ने मतदाता सूची पर चर्चा की मांग की।
- अमेरिका द्वारा टैरिफ पर भी चर्चा की गई।
- महिलाओं के प्रति अपराध का मुद्दा उठाया गया।
- धनखड़ के इस्तीफे पर चर्चा की गई।
नई दिल्ली, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राज्यसभा में गुरुवार को एक बार फिर हंगामा देखने को मिला। विपक्षी सांसदों ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बिहार में मतदाता सूची के गहन रिव्यू, अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ, महिलाओं के प्रति अपराध और धनखड़ के इस्तीफे का मुद्दा उठाया।
विपक्षी सांसदों ने इन मुद्दों पर नियम 267 के तहत चर्चा की मांग की। जब चर्चा की अनुमति नहीं मिली, तो इन सांसदों ने सदन में जोरदार नारेबाजी की। लगातार हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को 12 बजे तक स्थगित करना पड़ा, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं होने पर इसे 2 बजे तक फिर से स्थगित कर दिया गया।
गुरुवार को राज्यसभा की कार्यवाही के आरंभ में उपसभापति ने बताया कि विपक्ष के 28 सांसदों ने विभिन्न मुद्दों पर नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए नोटिस दिया है। नियम 267 के तहत सदन के अन्य सभी कार्यों को स्थगित करके दिए गए विषयों पर चर्चा कराई जाती है। चर्चा के अंत में मतदान का भी प्रावधान होता है।
गुरुवार को सुलता देव, शुभाशीष खुटिया, शशमित पात्रा और बीजेडी के अन्य सांसदों ने गंभीर अपराधों, उड़ीसा में महिलाओं और गर्ल चाइल्ड के प्रति होने वाले अपराधों पर चर्चा की मांग की। इसके अलावा, रेणुका चौधरी, नीरज डांगी, राजीव शुक्ला और साकेत गोखले समेत कई सांसद बिहार में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन रिव्यू के मामले पर चर्चा चाहते थे। तृणमूल कांग्रेस के सांसदों का कहना था कि देश के विभिन्न हिस्सों में पश्चिम बंगाल के कामगारों के साथ भेदभाव हो रहा है, और वे इस पर चर्चा की मांग कर रहे थे।
इसके अतिरिक्त, कुछ विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा के पूर्व सभापति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर चर्चा की मांग की। उपसभापति ने इन सभी चर्चा की मांगों को अस्वीकार कर दिया। चर्चा की अनुमति नहीं मिलने पर विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की और अपनी सीटों से उठकर आगे आ गए, जिसके कारण सदन की कार्यवाही को पहले 12 बजे तक और फिर 2 बजे तक स्थगित करना पड़ा।