क्या राज्यसभा में विपक्ष ने पीएम मोदी को बुलाने की मांग की? अमित शाह बोले- 'मैं जवाब दे रहा हूं'

सारांश
Key Takeaways
- ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवादियों को कड़ा जवाब दिया गया।
- अमित शाह ने पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया।
- विपक्ष ने हंगामा करते हुए पीएम मोदी को बुलाने की मांग की।
- सदन में संवाद का महत्व बढ़ा।
- राज्यसभा में लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर जोर दिया गया।
नई दिल्ली, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। इस अवसर पर उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' के संदर्भ में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन के जरिए आतंकवादियों और पाकिस्तान को एक मजबूत जवाब दिया गया। लेकिन, विपक्ष के सांसदों ने हंगामा करते हुए पीएम मोदी को सदन में बुलाने की मांग की।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जैसे ही अपना भाषण आरंभ किया, विपक्षी सांसदों ने जोर देकर कहा कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जवाब देना चाहिए। विपक्षी सांसदों ने उनके भाषण के दौरान जोरदार नारेबाजी की।
विपक्ष के हंगामे के बीच अमित शाह ने कहा, "क्या प्रधानमंत्री साहब को सुनने का ज्यादा शौक है? मैं जवाब दे रहा हूं। पीएम को क्यों बुला रहे हो और तकलीफ होगी? ये समझते नहीं हैं।"
पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए अमित शाह ने राज्यसभा में कहा, "जो इस घटना में मारे गए, उन परिवारों के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद जब पाकिस्तान ने गोलीबारी की, तो उसमें कुछ नागरिक हताहत हुए। उन नागरिकों के परिवार के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं 'ऑपरेशन सिंदूर' और 'ऑपरेशन महादेव' के लिए भारत का सम्मान बढ़ाने वाले सुरक्षा बलों को धन्यवाद देता हूं। मैं पीएम मोदी का आभार व्यक्त करना चाहता हूं, क्योंकि उन्होंने देश के 140 करोड़ जनता की इच्छा को पूरा किया।"
शाह के संबोधन के बीच विपक्ष का हंगामा जारी रहा।
इस बीच, कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन में कहा कि 16 घंटे इस मुद्दे पर चर्चा होने के बाद हमें लगा था कि प्रधानमंत्री इस सदन में आकर अपनी बातें रखेंगे और हमारी ओर से जो सवाल उठाए गए हैं, वे उनसे संबंधित थे। अगर सदन में नहीं आ रहे हैं, तो यह सदन का अपमान है। सदन और सदस्यों का अपमान करना यह ठीक नहीं है।
इसके साथ ही विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।