क्या राज्यसभा के सभी सांसद पीएम मोदी से जवाब की उम्मीद कर रहे हैं? : प्रियंका चतुर्वेदी

सारांश
Key Takeaways
- ऑपरेशन सिंदूर पर पीएम मोदी के जवाब में कई अस्पष्ट बिंदु हैं।
- प्रियंका चतुर्वेदी ने राज्यसभा के सांसदों की ओर से उत्तर की उम्मीद जताई।
- खुफिया तंत्र में कमियों की जानकारी आवश्यक है।
नई दिल्ली, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के मुद्दे पर विपक्ष के अनेक सवालों का उत्तर दिया। इस संबोधन पर शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कई गंभीर प्रश्न उठाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तर भले ही लंबा और विस्तार से था, लेकिन इसमें कई ऐसे बिंदु हैं जो अब भी स्पष्ट नहीं हैं और जिन पर और जानकारी की आवश्यकता है।
प्रियंका चतुर्वेदी ने बुधवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में लगभग दो घंटे तक उत्तर दिया। लेकिन अब जो बात सामने आ रही है, वह यह है कि इस विषय पर पीएम मोदी राज्यसभा में नहीं बोलेंगे, जबकि राज्यसभा के सभी सांसद उनसे उत्तर की उम्मीद कर रहे थे। लोकसभा में पीएम मोदी के जवाब में कई बातें ऐसी थीं जो और सवाल खड़े करती हैं।
सांसद ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है, तो फिर हम पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने के लिए इतने उत्सुक क्यों हैं? उन्होंने कहा कि सरकार एक ओर कह रही है कि देश सुरक्षा को लेकर गंभीर है, दूसरी ओर बीसीसीआई और ब्रॉडकास्टिंग नेटवर्क्स को पाकिस्तान से क्रिकेट प्रसारण और संबंधों पर मनमानी करने दी जा रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत कार्रवाई अभी भी चल रही है, तो यह सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह जनता को बताए कि खुफिया तंत्र की क्या कमियां रही हैं, किस स्तर पर इनपुट फेल हुए और उनसे निपटने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि सरकार को अंतरराष्ट्रीय खेल संगठनों से डर है कि वे किसी तरह की कार्रवाई करेंगे, तो फिर मैच दुबई में क्यों, लाहौर में क्यों नहीं?
प्रियंका चतुर्वेदी ने प्रधानमंत्री के मध्यस्थता वाले बयान पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि किसी भी विश्व नेता ने युद्ध को रोकने के लिए उनसे आग्रह नहीं किया। लेकिन, उन्होंने यह भी याद दिलाया कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सार्वजनिक मंचों पर दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी। ऐसे में सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि ट्रंप जैसे नेता आखिर बार-बार इस प्रकार के दावे क्यों कर रहे हैं, यदि इनमें कोई सच्चाई नहीं है।