क्या राम जेठमलानी ने 75 साल वकालत में नानावटी से लेकर हर्षद मेहता तक का केस लड़ा?

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क्या राम जेठमलानी ने 75 साल वकालत में नानावटी से लेकर हर्षद मेहता तक का केस लड़ा?

सारांश

राम जेठमलानी, जो अपनी तेज़ दलीलों और बेबाकी के लिए जाने जाते थे, ने 75 साल लंबी वकालत में कई महत्वपूर्ण मामलों का सामना किया। उनके जीवन के कई दिलचस्प पहलुओं पर चर्चा करते हैं।

Key Takeaways

  • राम जेठमलानी का जन्म 14 सितंबर 1923 को हुआ था।
  • उन्होंने 75 वर्षों तक वकालत की।
  • संजय दत्त के मामलों में उनकी अहम भूमिका थी।
  • वे बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रहे।
  • उनका राजनीतिक करियर भी काफी दिलचस्प था।

नई दिल्ली, 13 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। देश के प्रतिष्ठित वकीलों में से एक राम जेठमलानी ने अदालत में अपनी तेज़ दलीलों के माध्यम से वर्षों तक अपनी वकालत का लोहा मनवाया। वे अपनी बेबाकी और बिंदास अंदाज के लिए प्रसिद्ध थे। एक रुपए की फीस से वकालत की शुरुआत करने वाले राम जेठमलानी के जीवन में ऐसे पल भी आए जब हर क्लाइंट उनकी फीस चुकाने में असमर्थ थे। चलिए जानते हैं राम जेठमलानी के जन्मदिन पर उनकी जीवन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण पहलू।

राम जेठमलानी का जन्म 14 सितंबर 1923 को सिंध (वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ था। उन्होंने भारत के विभाजन से पहले कराची में अपनी वकालत की शुरुआत की थी। विभाजन के बाद वे मुंबई आ गए, जहाँ उन्होंने अपने करियर की नई शुरुआत की।

भारतीय राजनीति और विधि क्षेत्र में राम जेठमलानी एक अत्यंत प्रभावशाली व्यक्तित्व माने जाते हैं। उन्होंने लगभग 75 वर्षों तक वकालत की और नानावटी से लेकर इंदिरा गांधी और हर्षद मेहता जैसे चर्चित मामलों को लड़ा। उनके क्लाइंट में संजय दत्त भी शामिल थे।

उन्होंने 1993 के मुंबई दंगों से संबंधित टाडा मामले में फंसे संजय दत्त को जमानत दिलवाई थी। हालांकि, एक समय ऐसा आया जब उनके रिश्ते में खटास आ गई, लेकिन गलती का एहसास होने के बाद संजय दत्त ने जेठमलानी के सामने अपनी भावनाएं व्यक्त कीं।

एक बार जेठमलानी ने संजय दत्त के खिलाफ प्रेस रिलीज जारी कर कहा था कि वे सांसद बनने के योग्य नहीं हैं। बाद में उन्होंने अपनी गलती का एहसास किया और माफी मांगी।

उनका राजनीतिक करियर भी उतना ही दिलचस्प रहा। वह न्यायपालिका, सरकार और अपनी पार्टी की नीतियों पर बेबाकी से बोलते थे। 1975-77 के आपातकाल के दौरान वे बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रहे।

वे 1988 में राज्यसभा के सदस्य बने और 1996 में केंद्रीय कानून मंत्री बने। 2013 में पार्टी विरोधी टिप्पणियों के कारण उन्हें भाजपा से निष्कासित कर दिया गया।

राम जेठमलानी और लालू यादव के संबंध व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों स्तरों पर मधुर रहे। 2016 में जब लालू की पार्टी ने उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया, तो यह राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना।

राम जेठमलानी का 8 सितंबर 2019 को निधन हो गया।

Point of View

NationPress
13/09/2025

Frequently Asked Questions

राम जेठमलानी का जन्म कब हुआ था?
राम जेठमलानी का जन्म 14 सितंबर 1923 को हुआ था।
उन्होंने किस-किस मामले में वकालत की?
राम जेठमलानी ने नानावटी, इंदिरा गांधी और हर्षद मेहता जैसे कई चर्चित मामलों में वकालत की।
राम जेठमलानी का राजनीतिक करियर कैसा था?
राम जेठमलानी ने भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और कई बार सांसद रहे।