क्या 'लक्ष्मण' ने संघर्ष के दिनों को याद किया और बताया कि सच्चा साथी कौन था?
सारांश
Key Takeaways
- सुनील लहरी के संघर्ष ने हमें प्रेरणा दी है।
- एक सच्चा साथी हमारे कठिन समय में मदद कर सकता है।
- सकारात्मकता बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
मुंबई, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। रामानंद सागर की ‘रामायण’ का प्रत्येक पात्र आज भी दर्शकों के दिलों में जीवित है। लोग आज भी भगवान राम और मां सीता के रूप में अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया को याद करते हैं, वहीं लक्ष्मण के किरदार के लिए सुनील लहरी को भी नहीं भूले हैं।
सुनील लहरी भले ही अब छोटे पर्दे से दूर हों, लेकिन वे सोशल मीडिया और रामायण के शूटिंग के दिनों की यादों में हमेशा जीवित रहते हैं। हाल ही में, उन्होंने अपने रिजेक्शन, काम के बोझ और निराशा भरे दिनों को याद किया और अपने सच्चे साथी से भी सबको मिलवाया है।
करियर के प्रारंभिक दिनों में हर किसी को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। सुनील लहरी का करियर भी संघर्ष से भरा रहा है, लेकिन उन निराशा भरे क्षणों में उनके सुख-दुख के साथी ने उनका साथ निभाया। दरअसल, अभिनेता ने अपने पुराने टेप रिकॉर्डर को अपना सच्चा साथी बताया है, जिसमें वे गाने सुनकर तनाव से दूर होते थे।
इंस्टाग्राम पर एक वीडियो में उन्होंने कहा, "मैं आपको उस साथी से मिलाने जा रहा हूं, जिसने मेरे संघर्ष के दिनों में मेरा बहुत साथ दिया और आज भी दे रहा है। जब लोग मुझे रिजेक्ट करते थे, तब निराशा घेर लेती थी। ऐसे में मेरे टेप रिकॉर्डर ने मेरा साथ निभाया। मैंने हमेशा एक ही गाना चलाया, 'ओ राही चल'। इस गाने ने मुझे कभी न थकने और आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है।"
उन्होंने कैप्शन में लिखा, "मिलिए संघर्ष के दिनों के एक पुराने साथी से जो आज भी मेरे साथ है और जिससे मुझे प्रेरणा मिलती है।"
अभिनेता ने पहले भी रामायण के पुराने दिनों को याद किया था और बताया कि किस प्रकार 50 डिग्री के तापमान में जंगलों में, रेत में नंगे पैर शूटिंग करनी पड़ती थी और उन दिनों उनके पैरों में छाले पड़ जाते थे। उन्होंने बताया था कि 'केवट' वाले सीन के दौरान हमने चोपड़ा साहब से खड़ाऊ पहनने की रिक्वेस्ट की थी, लेकिन उन्होंने स्पष्ट मना कर दिया।