क्या रामगढ़ में पुलिस हिरासत से फरार आफताब अंसारी की मौत के पीछे है मॉब लिंचिंग?

Click to start listening
क्या रामगढ़ में पुलिस हिरासत से फरार आफताब अंसारी की मौत के पीछे है मॉब लिंचिंग?

सारांश

रामगढ़ में आफताब अंसारी की संदिग्ध मौत के बाद प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। लोगों ने इसे मॉब लिंचिंग का मामला बताया है। इस घटना ने राजनीति को भी प्रभावित किया है। क्या यह सच में एक साजिश है?

Key Takeaways

  • आफताब अंसारी की संदिग्ध मौत ने विवाद को जन्म दिया।
  • प्रदर्शनकारियों ने इसे मॉब लिंचिंग का मामला बताया।
  • पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।
  • राजनीतिक नेताओं ने मामले की जांच की मांग की।
  • यह घटना धार्मिक संवेदनाओं को भी प्रभावित करती है।

रामगढ़, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के रामगढ़ में एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के कारण हंगामा मच गया है। आफताब अंसारी, जो कि पुलिस की हिरासत से भाग निकला था, उसका शव दामोदर नदी के समीप मिला है।

सूत्रों के अनुसार, रामगढ़ थाने की पुलिस ने आफताब को यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया था। वह 24 जुलाई को हिरासत से भाग निकला था और 26 जुलाई की शाम उसका शव नदी के किनारे पाया गया।

आफताब की मौत की सूचना मिलते ही शनिवार रात को बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने इसे मॉब लिंचिंग का मामला बताते हुए आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

इस बीच, पुलिस ने इस मामले में रविवार को एक आरोपी राजेश सिन्हा को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसपी अजय कुमार ने चार विशेष टीमें बनाई हैं। पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर कार्रवाई की जा रही है।

थाना प्रभारी पीके सिंह और एक अन्य पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस ने इस घटना में दो एफआईआर दर्ज की हैं। पहली शिकायत आफताब की पत्नी सलेहा खातून ने की, जबकि दूसरी शिकायत दुकान की मालिक नेहा सिंह ने दर्ज कराई है। आफताब इसी दुकान में काम करता था।

सलेहा खातून ने बताया कि 23 जुलाई को उनके पति पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई थी। उसी दिन तीन लोग एक कार में दुकान पर आए और आफताब को दुकान से बाहर खींचकर ले गए। इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लिया।

दूसरी ओर, नेहा सिंह ने भी एफआईआर में बताया कि आफताब को जान से मारने का प्रयास किया गया। आरोपियों ने मुस्लिम धर्म को निशाना बनाते हुए गालियां दीं और कर्मचारियों के साथ भी बदतमीजी की। किसी तरह आफताब को बचाया गया।

नेहा ने एक व्यक्ति की फेसबुक पोस्ट का भी उल्लेख किया जिसमें आफताब पर यौन शोषण और धर्म परिवर्तन का आरोप लगाया गया।

राजेश सिन्हा पर आरोप है कि उसने इस पोस्ट का स्क्रीनशॉट व्हाट्सएप ग्रुप में साझा किया।

यह घटना राजनीतिक रंग ले चुकी है। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने इसे मॉब लिंचिंग करार देते हुए कहा है कि सरकार पूरे मामले की जांच कराएगी।

उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन से भी कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अफसरों को निर्देशित करने की मांग की है।

अंसारी ने कहा, "आफताब को बजरंग दल और हिंदू टाइगर फोर्स की साजिश में मारा गया है। उन्होंने भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी को इस साजिश का मास्टरमाइंड बताया।"

Point of View

बल्कि यह झारखंड की सामाजिक समस्याओं और राजनीतिक स्थिति को भी उजागर करती है। सरकार को इस मामले की गंभीरता को समझते हुए उचित कार्रवाई करनी चाहिए।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

आफताब अंसारी की मौत का कारण क्या है?
आफताब अंसारी की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है, जिसे प्रदर्शनकारियों ने मॉब लिंचिंग का मामला बताया है।
क्या पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई की है?
हां, पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
आफताब की पत्नी ने क्या आरोप लगाए हैं?
आफताब की पत्नी ने आरोप लगाया है कि उनके पति को जान से मारने का प्रयास किया गया था।
राजनीतिक प्रतिक्रिया क्या है?
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री ने इस मामले को मॉब लिंचिंग करार दिया है और सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
क्या यह मामला धार्मिक साजिश से जुड़ा है?
कुछ आरोपियों ने धर्म विशेष को निशाना बनाते हुए गालियां दी हैं, जिससे यह मामला धार्मिक रूप से संवेदनशील हो गया है।