क्या उत्तराखंड के रामनगर में प्रशासन ने अवैध मदरसों पर सख्ती बरती?

सारांश
Key Takeaways
- रामनगर में 17 अवैध मदरसे सील किए गए हैं।
- प्रशासन की कार्रवाई शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए है।
- सभी मदरसे बिना वैध दस्तावेजों के चलाए जा रहे थे।
- यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।
- शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता को बढ़ावा देना प्राथमिकता है।
रामनगर, 9 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर में बिना वैध दस्तावेजों के चलाए जा रहे मदरसों को प्रशासन ने सील कर दिया है। प्रशासन की ओर से लगातार की जा रही कार्रवाई के अंतर्गत अब तक कुल 17 अवैध मदरसों को बंद किया गया है।
रामनगर के उपजिलाधिकारी प्रमोद कुमार ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस को जानकारी देते हुए बताया कि पिछले डेढ़ माह में यह कार्रवाई की गई है और आगे भी यह अभियान जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि जिन मदरसों को सील किया गया है, वे सभी रामनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। प्रशासन की यह कार्रवाई शिक्षा और भवन मानकों की जांच के आधार पर की जा रही है। जिन मदरसों में वैधता, पंजीकरण और संचालन संबंधी दस्तावेजों में खामियां पाई गईं, उन्हें चिह्नित कर बंद किया गया है।
उपजिलाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि जिन मदरसों पर कार्रवाई की गई है, उनमें मदरसा अनवार उल कुरान एजुकेशनल सोसायटी, मदरसा गुलशन-ए-गोसिया, मदरसा दारूल उलूम गुलशने रजा, मदरसा फेजाने रजा, मदरसा मिफतुल उलूम, और अन्य शामिल हैं।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि बिना वैध दस्तावेजों और अनुमति के संचालित किसी भी संस्थान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कार्रवाई क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता और नियमों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है।