क्या उत्तराखंड में रामनगर में पीएम किसान योजना किसानों का सहारा बन रही है?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा है।
- इस योजना से किसानों को आर्थिक सहायता मिलती है।
- किसानों को 6000 रुपए प्रति वर्ष मिलते हैं।
- किसान आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बढ़ रहे हैं।
- दस्तावेज पूरे करने पर अधिक किसान योजना का लाभ ले सकेंगे।
रामनगर, 13 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना किसानों के लिए एक आशा की किरण बनकर उभरी है। इस योजना के माध्यम से किसान आत्मनिर्भर हो रहे हैं और आर्थिक रूप से भी मजबूत बनते जा रहे हैं।
रामनगर विधानसभा क्षेत्र के 6,500 से अधिक किसानों के खातों में नियमित रूप से पीएम किसान योजना की किस्त पहुंच रही है। किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार की यह योजना उन्हें खेती-किसानी में काफी मदद कर रही है। इस धनराशि का उपयोग वे खाद, बीज और अन्य आवश्यकताओं के लिए कर रहे हैं। किसानों ने केंद्र सरकार का दिल से आभार व्यक्त किया है कि उन्हें समय पर इस योजना का लाभ मिल रहा है।
रामनगर विकास खंड के ब्लॉक प्रभारी नरेश चंद्र धोलाखंडी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए बताया कि वर्तमान में रामनगर क्षेत्र में लगभग 6,500 किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठा रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि लगभग 500 किसानों के आधार और अन्य केवाईसी दस्तावेज अधूरे हैं, जिसके कारण उनकी किस्त नहीं मिल सकी है। जैसे ही किसान अपने दस्तावेज पूरे करेंगे, उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलने लगेगा। ब्लॉक प्रशासन किसानों को दस्तावेज अपडेट करने के लिए लगातार जागरूक कर रहा है ताकि कोई भी पात्र किसान इस लाभ से वंचित न रहे।
लाभार्थी अशोक कुमार ने कहा कि जब से केंद्र में भाजपा की सरकार आई है, किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत हर तीसरे महीने उनके खाते में पैसा भेजा जाता है। इस धनराशि से खेतों में खाद और बीज डालने में सुविधा होती है।
योजना का लाभ लेने वाले सुनील कुमार और सुरेंद्र कुमार ने बताया कि पीएम किसान योजना के तहत 2 हजार रुपए सीधे उनके खाते में आते हैं, जिससे खेती करने में आर्थिक सहायता मिलती है।
जानकारी के लिए, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को प्रति वर्ष 6 हजार रुपए डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीपीटी) के माध्यम से प्रदान किए जाते हैं। यह धनराशि 4-4 महीने के अंतराल में 2 हजार रुपए की तीन समान किस्तों में दी जाती है।