क्या रांची में रंगदारी वसूलने वाले गिरोहों पर पुलिस का शिकंजा कस रहा है?

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क्या रांची में रंगदारी वसूलने वाले गिरोहों पर पुलिस का शिकंजा कस रहा है?

सारांश

रांची में पुलिस ने रंगदारी वसूलने वाले गिरोहों पर शिकंजा कसते हुए दो मुठभेड़ें कीं। इन मुठभेड़ों में कई अपराधी गिरफ्तार हुए हैं और बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए गए हैं। जानिए इस घटना के पीछे का रहस्य और क्या है पुलिस की योजना।

Key Takeaways

  • रांची में पुलिस ने रंगदारी वसूलने वाले गिरोहों पर कार्रवाई की।
  • दो मुठभेड़ों में पांच अपराधी गिरफ्तार किए गए।
  • पुलिस ने कई हथियार बरामद किए।
  • अपराधियों को आत्मसमर्पण करने का विकल्प दिया गया।
  • पुलिस की कार्रवाई से शहर की सुरक्षा में सुधार होगा।

रांची, १३ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राजधानी रांची में सोमवार को पुलिस और अपराधियों के बीच दो अलग-अलग मुठभेड़ की घटनाएं हुईं, जो पांच घंटे के भीतर हुईं। इन मुठभेड़ों में पुलिस की गोली से दो अपराधी घायल हुए हैं और तीन अन्य को गिरफ्तार किया गया है। दोनों घटनाओं के बाद कई हथियार भी बरामद किए गए हैं।

पहली मुठभेड़ सोमवार सुबह तुपुदाना-बालसिरिंग क्षेत्र में हुई। यहाँ कुख्यात सुजीत सिन्हा गिरोह के सदस्य एक बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। एसएसपी राकेश रंजन को इसकी सूचना मिली, जिसके बाद उन्होंने तुरंत विशेष टीम को मौके पर भेजा। जब पुलिस ने घेराबंदी की, तो अपराधियों ने गोली चलानी शुरू कर दी।

पुलिस की जवाबी कार्रवाई में आफताब नामक गिरोह का एक सदस्य घायल हो गया और दो अन्य को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से भी हथियार और कारतूस बरामद किए गए। जांच में पता चला कि आफताब हाल ही में डोरंडा में हुई फायरिंग में शामिल था, जिसका उद्देश्य रंगदारी वसूलना और दहशत फैलाना था।

रांची के एसएसपी राकेश रंजन के अनुसार, यह गिरोह शहर के बिल्डरों और व्यापारियों से लगातार रंगदारी वसूलने की कोशिश कर रहा था।

दूसरी मुठभेड़ मैक्लुस्कीगंज थाना क्षेत्र में सोमवार दोपहर को हुई, जहाँ जवाबी कार्रवाई में कुख्यात प्रभात राम घायल हुआ। उसके साथी संजय राम को भी गिरफ्तार किया गया और मौके से एक कार्बाइन, पिस्टल और एक बाइक बरामद की गई। घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

ग्रामीण एसपी प्रवीण पुष्कर ने घटना की पुष्टि की है। पुलिस को सूचना मिली थी कि प्रभात राम का गिरोह रंगदारी वसूलने आया है। जब पुलिस ने संदिग्धों को रोका, तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में प्रभात राम घायल हुआ।

पुलिस के अनुसार, यह गिरोह ईंट-भट्ठा और कोयला कारोबारियों से अवैध वसूली करता था और भय फैलाने के लिए फायरिंग करता था। एसएसपी राकेश रंजन ने कहा, 'अपराधियों के पास दो ही विकल्प हैं, या तो आत्मसमर्पण करें या पुलिस की गोली खाने को तैयार रहें।'

उल्लेखनीय है कि इससे पहले १० अक्टूबर को खलारी थाना क्षेत्र में पुलिस और राहुल दुबे गिरोह के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें गैंग के दो सदस्य साजन अंसारी और अमित गुप्ता घायल हुए थे, जबकि दो अन्य को गिरफ्तार किया गया था। उस कार्रवाई में भी भारी मात्रा में हथियार और कारतूस बरामद किए गए थे।

Point of View

ऐसे मुठभेड़ों से यह भी स्पष्ट होता है कि अपराधी अभी भी सक्रिय हैं और इन पर लगाम लगाना आवश्यक है। देश की कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि पुलिस की कार्रवाई सख्त और प्रभावी हो।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

रांची में पुलिस की मुठभेड़ें क्यों हुईं?
पुलिस ने रंगदारी वसूलने वाले गिरोहों पर शिकंजा कसने के लिए ये मुठभेड़ें कीं।
क्या पुलिस ने इस कार्रवाई में कोई अपराधी गिरफ्तार किया?
हाँ, पुलिस ने कई अपराधियों को गिरफ्तार किया है।
इन मुठभेड़ों में कितने हथियार बरामद हुए?
कई हथियार और कारतूस बरामद किए गए हैं।
क्या इन अपराधियों पर पहले भी कार्रवाई हुई है?
हाँ, इससे पहले भी पुलिस ने कई अपराधियों पर कार्रवाई की है।
पुलिस का अगला कदम क्या होगा?
पुलिस इन गिरोहों के खिलाफ और सख्त कार्रवाई करने की योजना बना रही है।
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