क्या राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस आपके लिए लाभकारी है? जानिए कैसे

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क्या राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस आपके लिए लाभकारी है? जानिए कैसे

सारांश

हर साल 1 अक्टूबर को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस, रक्तदाताओं को सम्मानित करता है और रक्तदान के लाभों के प्रति जागरूकता फैलाता है। जानिए रक्तदान किस तरह आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।

Key Takeaways

  • रक्तदान से जीवन बचाने का अवसर मिलता है।
  • रक्तदान करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  • यह समाज में एक मसीहा की तरह पहचान बनाता है।
  • रक्तदान से वजन प्रबंधन में मदद मिलती है।
  • स्वास्थ्य जांच के साथ मुफ्त सेवाएं मिलती हैं।

नई दिल्ली, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में प्रतिवर्ष 1 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस का आयोजन किया जाता है। यह दिन उन सभी स्वैच्छिक रक्तदाताओं को सम्मानित करने के लिए है, जो निस्वार्थ भाव से दूसरों के जीवन को बचाने के लिए आगे आते हैं और रक्तदान के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाते हैं।

इस दिवस की शुरुआत 1975 में भारतीय रक्त आधान एवं प्रतिरक्षा रक्ताधान विज्ञान सोसायटी और रक्तदान जागरूकता अभियान से जुड़ी संस्थाओं के सहयोग से की गई थी।

इसके मुख्य उद्देश्य में देश में सुरक्षित रक्त की आवश्यकता को पूरा करना और लोगों को नियमित रूप से स्वेच्छा से रक्तदान करने के लिए प्रेरित करना शामिल है।

भारत में हर साल लाखों लोगों को दुर्घटनाओं, ऑपरेशनों, प्रसव, कैंसर, एनीमिया और थैलेसीमिया जैसी बीमारियों के उपचार में रक्त की आवश्यकता होती है। अक्सर समय पर रक्त नहीं मिलने के कारण कई जानें भी जाती हैं। ऐसे में स्वैच्छिक रक्तदाता एक मसीहा की तरह काम करते हैं।

रक्तदान केवल खून ग्रहण करने वाले के लिए ही नहीं, बल्कि खून देने वाले के लिए भी फायदेमंद होता है। नियमित रक्तदान से आयरन का स्तर संतुलित रहता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। रक्तदान के बाद शरीर में नई रक्त कोशिकाएं बनती हैं, जिससे रक्त संचार में सुधार होता है। एक बार रक्तदान करने से लगभग 650 कैलोरी बर्न होती हैं, जो वजन प्रबंधन में मदद कर सकती है। इसके अलावा, रक्तदान से पहले आपकी मुफ्त स्वास्थ्य जांच होती है, जिसमें रक्तचाप, हीमोग्लोबिन, एचआईवी, हेपेटाइटिस जैसी बीमारियों की जांच की जाती है।

रक्तदान के लिए कुछ आवश्यक शारीरिक और स्वास्थ्य मापदंड निर्धारित किए गए हैं, ताकि यह प्रक्रिया रक्तदाता और रक्त प्राप्तकर्ता दोनों के लिए सुरक्षित बनी रहे। रक्तदाता की उम्र 18 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए और उसका वजन कम से कम 50 किलोग्राम होना आवश्यक है।

इसके अतिरिक्त, रक्तदाता का हीमोग्लोबिन स्तर कम से कम 12.5 ग्राम प्रति डेसिलीटर होना चाहिए, ताकि रक्तदान के बाद शरीर को किसी प्रकार की कमजोरी या स्वास्थ्य समस्या का सामना न करना पड़े। रक्तचाप सामान्य सीमा में होना चाहिए, यानी न तो अत्यधिक उच्च और न ही अत्यधिक निम्न।

यदि किसी व्यक्ति को एचआईवी, हेपेटाइटिस, कैंसर या कोई अन्य गंभीर संक्रमण या क्रॉनिक रोग है, तो वह रक्तदान के लिए अयोग्य माना जाता है। इसके अलावा, गर्भवती महिलाएं या स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी रक्तदान नहीं कर सकतीं।

Point of View

जो न केवल जरूरतमंदों के लिए जीवनदायिनी होती है, बल्कि रक्तदाता के लिए भी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमें स्वैच्छिक रक्तदान के प्रति सजग रहना चाहिए और दूसरों की मदद के लिए आगे आना चाहिए।
NationPress
30/09/2025

Frequently Asked Questions

रक्तदान करने के लिए क्या मापदंड होते हैं?
रक्तदाता की उम्र 18 से 65 वर्ष होनी चाहिए, वजन कम से कम 50 किलोग्राम होना आवश्यक है, और हीमोग्लोबिन स्तर 12.5 ग्राम प्रति डेसिलीटर से अधिक होना चाहिए।
क्या गर्भवती महिलाएं रक्तदान कर सकती हैं?
नहीं, गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली महिलाएं रक्तदान नहीं कर सकतीं।
रक्तदान करने से क्या लाभ होता है?
रक्तदान करने से आयरन का स्तर नियंत्रित रहता है, नई रक्त कोशिकाएं बनती हैं और यह वजन प्रबंधन में मदद करता है।