क्या रवि किशन ने महाकालेश्वर के दर्शन कर श्रद्धा की नई मिसाल पेश की?

सारांश
Key Takeaways
- महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए बेहतरीन सुविधाएं।
- महाकाल कॉरिडोर का विकास धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देता है।
- रवि किशन ने स्थानीय प्रशासन और सरकार का आभार व्यक्त किया।
- उज्जैन की आस्था का नया केंद्र बन गया है।
- महाकाल कॉरिडोर परियोजना से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती।
उज्जैन, 16 जून (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेता और भाजपा सांसद रवि किशन ने सोमवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर का दौरा किया, जहां उन्होंने बाबा का दर्शन और पूजन किया। भस्म आरती में भी उनकी उपस्थिति रही।
रवि किशन ने भगवान महाकाल के दर्शन-पूजन किए और मंदिर परिसर में बने महाकाल कॉरिडोर की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा, "इस भव्य महाकाल कॉरिडोर को बनाने के लिए मैं प्रशासन, मध्य प्रदेश सरकार, पीएम मोदी और डबल इंजन सरकार का आभारी हूं। यहाँ श्रद्धालुओं के लिए बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध हैं।"
अहमदाबाद विमान हादसे पर उन्होंने कहा, "भगवान महाकाल इस दुख को हरे और हादसे में मृत लोगों की आत्मा को शांति मिले। यही मेरी प्रार्थना है।"
पूजन की प्रक्रिया अर्पित पुजारी ने संपन्न करवाई। वहीं, श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने रविकिशन का स्वागत और सम्मान किया। रवि किशन ने नंदी हॉल से शिव साधना की चांदी से माथा टेककर आशीर्वाद लिया। मंदिर में उनका पहनावा पीले रंग का 'महाकाल' का दुपट्टा और माथे पर रोली का तिलक था।
दर्शन के बाद रवि किशन ने कहा, "महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन कर मन को अपार शांति मिली। इस भव्य और सुंदर महाकाल कॉरिडोर को बनाने के लिए मैं स्थानीय प्रशासन, मध्य प्रदेश सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डबल इंजन सरकार का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। यहाँ श्रद्धालुओं के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिससे दर्शन और भी सुगम और सुखद हो गए हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "महाकाल कॉरिडोर परियोजना न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दे रही है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान कर रही है। यह कॉरिडोर उज्जैन की शान बढ़ाने के साथ-साथ लाखों भक्तों के लिए आस्था का नया केंद्र बन गया है। मैं महाकालेश्वर समिति का भी आभार व्यक्त करता हूं।"
महाकाल कॉरिडोर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2022 में किया था, जिससे मंदिर परिसर को भव्य और आधुनिक स्वरूप प्रदान किया गया है। इस परियोजना के तहत मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र को विकसित किया गया है, जिसमें भक्तों के लिए बेहतर दर्शन व्यवस्था, विश्राम स्थल, स्वच्छता और अन्य सुविधाएं भी शामिल हैं।