क्या रवि किशन और तेज प्रताप की मुलाकात सामान्य है, या राजद फैला रही है अफवाह?

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क्या रवि किशन और तेज प्रताप की मुलाकात सामान्य है, या राजद फैला रही है अफवाह?

सारांश

क्या रवि किशन और तेज प्रताप की मुलाकात सचमुच सामान्य थी या इसके पीछे छिपा है कोई बड़ा राज? जानिए इस सियासी साज़िश के पीछे की सच्चाई और जानें चुनावी रणनीतियों के बारे में।

Key Takeaways

  • तेज प्रताप यादव और रवि किशन की मुलाकात को सामान्य माना जा रहा है।
  • भाजपा प्रवक्ता ने अफवाहों को राजद की रणनीति बताया।
  • तेज प्रताप ने अपने दल के माध्यम से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।
  • बिहार में पलायन रोकने का भाजपा का एजेंडा है।
  • एनडीए को इस बार दो तिहाई बहुमत मिलने की उम्मीद है।

रांची, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव के संदर्भ में सियासी गतिविधियाँ तेज हैं। इसी बीच जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव और भाजपा सांसद रवि किशन की मुलाकात पर सियासी गलियारों में चर्चा है कि तेज प्रताप एनडीए को समर्थन देने की संभावना पर विचार कर सकते हैं। भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने इसे एक सामान्य मुलाकात बताया और इस तरह की अफवाहों को राजद की राजनीति का हिस्सा करार दिया।

प्रतुल शाहदेव ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "यह सिर्फ एक सामान्य मुलाकात थी। चुनाव प्रचार के दौरान कई मौकों पर नेताओं की मुलाकात होती है। अगर इस पर अटकलबाजी की जाने लगे, तो यह अजीब है। केंद्र और राज्य स्तर पर नेताओं की मुलाकातें होती रहती हैं, इससे कोई खास मतलब नहीं निकलता।"

उन्होंने आगे कहा, "राजद द्वारा एक अफवाह फैलाई जा रही है। यह इसलिए है क्योंकि उन्हें पता है कि इस बार बिहार चुनाव में उनकी स्थिति कमजोर है। अब उनके पास बाहर निकलने का कोई मौका नहीं है।"

शाहदेव ने बताया, "तेज प्रताप यादव ने खुद चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय लिया है। उनके पास अपना राजनीतिक दल है, जिसमें वे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उनका अपना एजेंडा है, जिसमें पलायन रोकने की बात शामिल है, जो हमारी पार्टी का भी एजेंडा है। राजद के शासनकाल में बिहार से एक करोड़ लोग पलायन कर चुके थे, लेकिन अब बिहार में पलायन कम हो गया है। पिछले 20 वर्षों में पलायन की दर काफी घट गई है। हमारी सरकार बनेगी तो हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई बिहारी कमाने के लिए बाहर न जाए।"

भाजपा प्रवक्ता ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के 160 से अधिक सीटों पर जीत के दावे का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हम चुनाव लड़ रहे हैं। पीएम मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा और नीतीश कुमार की जनसभाओं में जो भीड़ उमड़ी, वह लोगों के रुझान को स्पष्ट दर्शाती है। पहले चरण के चुनाव के बाद हमें लगता है कि एनडीए 80 से 90 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है। दूसरे चरण की वोटिंग के बाद हम 160 से अधिक सीटें जीतने की उम्मीद कर रहे हैं। इस बार एनडीए को दो तिहाई बहुमत मिलने की संभावना है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बिहार चुनाव की राजनीति में हर मुलाकात का महत्व है। राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों को मजबूत करने के प्रयास में जुटे हैं। ऐसे में अफवाहें भी फैल सकती हैं, लेकिन वास्तविकता पर ध्यान देना आवश्यक है। यह चुनावी माहौल सभी के लिए महत्वपूर्ण है।
NationPress
08/11/2025

Frequently Asked Questions

तेज प्रताप की मुलाकात का क्या मतलब है?
यह मुलाकात एक सामान्य मुलाकात मानी जा रही है, लेकिन कुछ लोग इसे राजनीतिक समर्थन की संभावना से जोड़ रहे हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने अफवाहों के बारे में क्या कहा?
भाजपा प्रवक्ता ने इसे राजद की राजनीति करार दिया और कहा कि यह अफवाह इसलिए फैलाई जा रही है क्योंकि राजद का चुनाव में प्रदर्शन कमजोर है।
क्या तेज प्रताप का अपना राजनीतिक दल है?
हां, तेज प्रताप यादव का अपना राजनीतिक दल है और वे इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।