क्या रवि योग और रविवार व्रत ग्रहों के शुभ प्रभाव से दोष दूर कर सफलता दिला सकते हैं?

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क्या रवि योग और रविवार व्रत ग्रहों के शुभ प्रभाव से दोष दूर कर सफलता दिला सकते हैं?

सारांश

रविवार को रवि योग का महासंयोग है, जो जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने की क्षमता रखता है। इस दिन व्रत रखने और साधना करने से ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को दूर किया जा सकता है। जानें कैसे इस दिन के महत्व को समझकर आप अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

Key Takeaways

  • रविवार व्रत से ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को दूर किया जा सकता है।
  • रवि योग के दिन शुभ कार्य करना फलदायी होता है।
  • आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ विशेष लाभ देता है।
  • इस दिन गुड़ और तांबे का दान करना चाहिए।
  • रविवार को व्रत रखने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है।

नई दिल्ली, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। श्रावण मास की दशमी तिथि पर रविवार का दिन विशेष महत्व रखता है। इस दिन सूर्य कर्क राशि में और चंद्रमा वृश्चिक राशि में रहेंगे, जिससे रवि योग का संयोग बन रहा है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए शुभ कार्य सफलता के द्वार खोलते हैं।

रवि योग ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण शुभ योग है। यह योग तब बनता है जब चंद्रमा का नक्षत्र सूर्य के नक्षत्र से चौथे, छठे, नौवें, दसवें और तेरहवें स्थान पर होता है। इस दिन आप किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत कर सकते हैं। जैसे कि निवेश, यात्रा, शिक्षा या व्यवसाय से संबंधित कार्य की शुरुआत करना अत्यंत लाभकारी होता है।

इस दिन रविवार भी है। अग्नि और स्कंद पुराण में उल्लेख है कि इस दिन व्रत रखने से जीवन में सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत की शुरुआत आप किसी भी मास के शुक्ल पक्ष के पहले रविवार से कर सकते हैं। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायी है जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर है।

व्रत आरंभ करने के लिए, रविवार की सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें। उसके बाद मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें। फिर एक चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर पूजन सामग्री रखें, उसके बाद व्रत कथा सुनें और सूर्य देव को तांबे के बर्तन में जल भरकर उसमें फूल, अक्षत और रोली डालकर अर्घ्य दें। ऐसा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

इसके अलावा, इस दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने और सूर्य देव के मंत्र "ऊं सूर्याय नमः" या "ऊं घृणि सूर्याय नमः" का जप करने से भी विशेष लाभ मिलता है। इस दिन गुड़ और तांबे का दान भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इन उपायों से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है, और जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता मिलती है।

इस दिन एक समय बिना नमक का भोजन करना चाहिए। काले या नीले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए। इस दिन मांस-मदिरा का सेवन, झूठ बोलना, किसी का अपमान करना, बाल या दाढ़ी कटवाना, तेल मालिश करना और तांबे के बर्तन बेचना भी वर्जित माना गया है। व्रत का उद्यापन 12 व्रतों के बाद किया जाता है।

पंचांग के अनुसार, इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय शाम 5 बजकर 30 मिनट से 7 बजकर 11 मिनट तक रहेगा।

Point of View

यह कहना उचित है कि रविवार का दिन और रवि योग का संयोग भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह न केवल आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जीवन के विभिन्न पहलुओं में भी सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इस दिन के महत्व को समझकर, लोग अपने जीवन में सुख और समृद्धि की दिशा में एक कदम आगे बढ़ा सकते हैं।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

रविवार व्रत का महत्व क्या है?
रविवार व्रत रखने से जीवन में सुख, समृद्धि, और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह विशेषकर उन लोगों के लिए लाभकारी है जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर है।
रवि योग कब बनता है?
रवि योग तब बनता है जब चंद्रमा का नक्षत्र सूर्य के नक्षत्र से चौथे, छठे, नौवें, दसवें और तेरहवें स्थान पर होता है।
रविवार को क्या करना चाहिए?
रविवार को व्रत रखना चाहिए, स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें, सूर्य देव की पूजा करें और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
इस दिन क्या नहीं करना चाहिए?
इस दिन मांस-मदिरा का सेवन, झूठ बोलना, किसी का अपमान करना, बाल कटवाना और तांबे के बर्तन बेचना वर्जित है।
अभिजीत मुहूर्त का महत्व क्या है?
अभिजीत मुहूर्त विशेष समय होता है जब शुभ कार्यों की शुरुआत करना अत्यधिक फलदायी माना जाता है।