क्या देश की अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है? आरबीआई के ब्याज दरों में कटौती के फैसले का संकेत : एसबीआई के चेयरमैन
सारांश
Key Takeaways
- आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती की है।
- भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत हो गई है।
- ब्याज दर की कटौती से निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
- कम मुद्रास्फीति के साथ विकास की गति तेज होगी।
- आरबीआई का कदम दीर्घकालिक विकास पथ को मजबूत करता है।
नई दिल्ली, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। एसबीआई और आईबीए के चेयरमैन चल्ला श्रीनिवासुलु शेट्टी ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय बैंक आरबीआई की हालिया मौद्रिक नीति समिति की बैठक में लिए गए निर्णयों से यह स्पष्ट होता है कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और कम मुद्रास्फीति के साथ विकास की गति तेज बनी हुई है।
उन्होंने आगे कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत करना यह दर्शाता है कि आरबीआई आशावादी बना हुआ है।
शेट्टी ने कहा, "ब्याज दरों में कटौती और भविष्य में कटौती की संभावना को बनाए रखने का निर्णय संभावित अप्रत्याशित झटकों या बाहरी प्रतिकूल परिस्थितियों से अर्थव्यवस्था को बचाने में मदद करता है।"
उन्होंने आगे कहा कि आरबीआई का यह कदम निवेश, क्रेडिट और उपभोग को बढ़ावा देते हुए दीर्घकालिक उच्चतर विकास पथ के लिए स्ट्रक्चरल चालकों को मजबूत करता है।
उन्होंने बताया कि इस बीच, लिक्विडिटी-मैनेजमेंट उपायों का उद्देश्य मनी-मार्केट रेट्स को स्थिर रखना और उधार लेने की लागत को कम करना है।
शेट्टी ने कहा, "रेट कट, न्यूट्रल स्टांस और टारगेटेड लिक्विडिटी इंटरवेंशन का उद्देश्य कीमत और फाइनेंशियल स्थिरता को बनाए रखते हुए आर्थिक गति को बनाए रखना है।"
आरबीआई ने दिसंबर की मौद्रिक नीति समिति के नतीजों में चालू वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए रेपो रेट को 25 बेसिस पॉइंट घटाकर 5.5 प्रतिशत से 5.25 प्रतिशत कर दिया।
इस बीच, एसबीआई रिसर्च की एक लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही में क्रमशः 7.8 प्रतिशत और 8.2 प्रतिशत की मजबूत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर दर्ज किए जाने के बाद भारत शेष दो तिमाहियों में 7 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ेगा। इसी के साथ, एसबीआई रिसर्च ने समग्र चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।