क्या सुप्रीम कोर्ट ने आरजी कर मामले की सुनवाई कलकत्ता हाई कोर्ट को सौंप दी?
सारांश
Key Takeaways
- कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में रेप और हत्या का मामला।
- सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई कलकत्ता हाई कोर्ट को सौंपी।
- सीबीआई को जांच की स्टेटस रिपोर्ट पीड़ित परिवार को देनी होगी।
- देशभर में इस मामले के खिलाफ आक्रोशित प्रदर्शन हुए।
- सिविक वॉलंटियर को उम्रकैद की सजा।
नई दिल्ली, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के मामले में अब सुप्रीम कोर्ट सुनवाई नहीं करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस केस से संबंधित सभी लंबित मामलों को कलकत्ता हाई कोर्ट को ट्रांसफर करने का निर्णय लिया है।
जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की दो जजों वाली बेंच ने कहा कि इस संवेदनशील मामले की जांच की निगरानी के लिए नेशनल टास्क फोर्स (एनटीएफ) के गठन सहित अन्य सभी मुद्दों पर अब कलकत्ता हाई कोर्ट ही निर्णय करेगा। कोर्ट ने कहा कि चूंकि हाई कोर्ट इस केस की निगरानी पहले से कर रहा है, इसलिए आगे की कार्यवाही वहीं अधिक प्रभावी ढंग से हो सकेगी।
बेंच ने यह भी निर्देश दिया कि सीबीआई द्वारा की गई जांच की स्टेटस रिपोर्ट की एक प्रति पीड़िता के माता-पिता को सौंपी जाए, ताकि उन्हें जांच की प्रगति की जानकारी प्राप्त हो सके। सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए यह कदम आवश्यक है।
गौरतलब है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई इस जघन्य वारदात के बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वतः संज्ञान लेते हुए केस की सुनवाई शुरू की थी।
बता दें कि 9 अगस्त 2024 को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल से पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर का शव बरामद हुआ था। मामला सामने आने के बाद पश्चिम बंगाल समेत पूरे देश में आक्रोश देखा गया था। देशभर के डॉक्टरों से लेकर आम नागरिकों और महिला संगठनों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए थे। इस मामले में सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को अदालत ने दोषी ठहराया और उम्रकैद की सजा सुनाई थी, लेकिन एक साल बाद भी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) इस अपराध के पीछे की बड़ी साजिश की जांच पूरी नहीं कर पाया है।