क्या आरके सिंह ने क्षत्रिय समाज को एकजुट करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया?

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क्या आरके सिंह ने क्षत्रिय समाज को एकजुट करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया?

सारांश

आरके सिंह ने बिहार में क्षत्रिय समाज को एकजुट होने की अपील की है, जिससे राजनीतिक ताकत को पुनः स्थापित करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब समय आ गया है कि क्षत्रिय एकजुट होकर अपनी राजनीतिक हैसियत को सुरक्षित करें। क्या यह समाज की एक नई शुरुआत का प्रतीक है?

Key Takeaways

  • आरके सिंह ने क्षत्रिय समाज को एकजुट करने की अपील की।
  • राजनीतिक ताकत की पुनर्स्थापना की आवश्यकता है।
  • भाजपा पर राजपूत चेहरों की कमी का आरोप।
  • भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े शब्दों में बात की।
  • राजनीतिक एकता का महत्व।

पटना, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले, पूर्व केंद्रीय मंत्री राजकुमार सिंह (आरके सिंह) ने क्षत्रिय समाज को एकजुट होने की अपील की है, जिससे राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। शारदीय नवरात्र के अवसर पर, क्षत्रिय कल्याण संगठन के नए कार्यालय के उद्घाटन समारोह में उन्होंने कहा कि यदि क्षत्रिय समाज अगर बंटा रहा, तो आने वाले वर्षों में उसकी राजनीतिक स्थिति समाप्त हो जाएगी।

उन्होंने कहा, "हमारा समाज कई टुकड़ों में बंटा हुआ है, इसलिए किसी भी राजनीतिक दल में हमारी कीमत नहीं है। यदि हम एकजुट हों, तो कोई पार्टी हमारी अनदेखी नहीं कर सकेगी।"

आरके सिंह ने स्पष्ट किया कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में क्षत्रिय समाज उस पार्टी का समर्थन करेगा, जो समाज को सबसे अधिक टिकट और सम्मान प्रदान करेगी। उन्होंने कहा, "हम किसी पार्टी से बंधे नहीं हैं। जो हमारी हिस्सेदारी देगा, हम उसी के साथ खड़े होंगे, चाहे वह महागठबंधन हो या एनडीए।"

उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के प्रत्येक जिले में जाकर समाज के लोगों को जागरूक करें और यह देखें कि कौन-सी पार्टी क्षत्रिय समाज के हक में खड़ी है।

आरके सिंह ने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी के मंच पर एक भी राजपूत चेहरा नहीं दिखता। उन्होंने कहा, "हमें बोलने में कोई शर्म नहीं है। अगर सामने वाला जातिवाद करता है, तो हमें भी अपने अस्तित्व के लिए लड़ना पड़ेगा।"

उन्होंने कहा कि अब क्षत्रिय समाज को भावनात्मक नहीं, बल्कि रणनीतिक वोटर बनना होगा, ऐसा वोटर जो अपनी ताकत पहचानता हो और उसका सही इस्तेमाल करता हो।

आरके सिंह ने अपनी व्यक्तिगत जिंदगी का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने कभी जात-पात नहीं किया। सभी जातियां उनके लिए बराबर हैं, लेकिन चोरों से उनकी हमेशा नफरत रही है। हालाँकि, हाल की घटनाओं ने उनकी सोच में बड़ा बदलाव ला दिया है।

बिहार की राजनीति में जातिवाद पर उन्होंने कहा, "कुछ व्यक्तियों ने हमारे समाज को बांट दिया। रामविलास ने पासवान समाज को एकजुट किया और लालू प्रसाद ने यादवों को जोड़ा। कुशवाहा समाज एकजुट होकर वोट करता है। जहाँ इंडिया गठबंधन को जिताने का संदेश जाता है, वहाँ वोट डालते हैं। लालू जहाँ कहते हैं, सारे यादव वही वोट करते हैं। अगर हमारी पार्टी यादव को खड़ा करेगी और राजद ब्राह्मण को, तो यादव लालू को ही वोट देंगे। यही आज की पार्टी राजनीति है, जबकि हम-आप बिखरे हुए हैं।"

इस दौरान, आरके सिंह ने बिहार की एनडीए सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने भ्रष्टाचार को लेकर मंत्रियों और नेताओं पर हमला किया। उन्होंने कहा, "भ्रष्ट, अपराधी और चरित्रहीन लोगों से उनकी गहरी नफरत है।"

आरके सिंह ने कहा, "मैं डंके की चोट पर कहता हूं कि जब मैं पद पर था, तो किसी अधिकारी या ठेकेदार को भ्रष्टाचार करने की हिम्मत नहीं हुई। वे डरते थे कि अगर हम भ्रष्टाचार करेंगे तो गर्दन काट देंगे।" उन्होंने आगे कहा कि भ्रष्टाचार पर बोलना उनकी आदत रही है।

उन्होंने चेतावनी दी कि "अभी हमने कम ही बोला है। मैं बिहार के गृह सचिव भी रह चुका हूं, मेरे पास सबका हिसाब है। अगर कोई चू-चपड़ करेगा, तो सबकी बखिया उधेड़ देंगे। बिहार के लोग भ्रष्ट लोगों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। भ्रष्ट और चरित्रहीन नेता धरती पर बोझ हैं।"

Point of View

जो क्षत्रिय समाज को एकजुट करने की दिशा में उठाया गया कदम है। यह न केवल बिहार की राजनीति को प्रभावित करेगा, बल्कि समाज में एकता का संदेश भी देगा। इस तरह की पहलें लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए आवश्यक हैं।
NationPress
24/09/2025

Frequently Asked Questions

आरके सिंह ने किस समाज को एकजुट होने की अपील की?
आरके सिंह ने क्षत्रिय समाज को एकजुट होने की अपील की है।
आरके सिंह का मुख्य संदेश क्या था?
उनका मुख्य संदेश था कि अगर क्षत्रिय समाज बंटा रहा, तो उसकी राजनीतिक हैसियत खत्म हो जाएगी।
आरके सिंह ने किस पार्टी का समर्थन करने की बात की?
उन्होंने कहा कि वे उस पार्टी का समर्थन करेंगे, जो क्षत्रिय समाज को सबसे अधिक टिकट और सम्मान देगी।
आरके सिंह ने भाजपा पर क्या आरोप लगाया?
उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि पार्टी के मंच पर एक भी राजपूत चेहरा नहीं दिखता।
आरके सिंह ने भ्रष्टाचार के बारे में क्या कहा?
उन्होंने कहा कि जब वे पद पर थे, तो किसी को भ्रष्टाचार करने की हिम्मत नहीं थी।