क्या भारत ने रोम में तटरक्षक वैश्विक शिखर सम्मेलन में सुरक्षित व स्वच्छ समुद्र की बात रखी?

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क्या भारत ने रोम में तटरक्षक वैश्विक शिखर सम्मेलन में सुरक्षित व स्वच्छ समुद्र की बात रखी?

सारांश

इटली के रोम में आयोजित चौथे तटरक्षक वैश्विक शिखर सम्मेलन में भारत ने समुद्रों की सुरक्षा और स्वच्छता के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता व्यक्त की। इस सम्मेलन ने समुद्री सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाने का एक मंच प्रदान किया। जानिए इस सम्मेलन के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत ने समुद्री सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया।
  • सम्मेलन में 115 देशों ने भाग लिया।
  • समुद्री प्रदूषण पर प्रभावी प्रतिक्रिया की रणनीतियों पर चर्चा हुई।
  • आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए सर्वोत्तम विधियों को साझा किया गया।
  • अंतरराष्ट्रीय समुद्री अपराधों से निपटने के लिए सहयोग को बढ़ावा दिया गया।

नई दिल्ली, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस) भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने सुरक्षित और स्वच्छ समुद्रों की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को वैश्विक मंच पर उजागर किया है। भारत का उद्देश्य सभी के लिए समुद्रों को सुरक्षित और सरल बनाना है।

भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने यह विचार इटली के रोम में आयोजित चौथे तटरक्षक वैश्विक शिखर सम्मेलन (सीजीजीएस) में प्रस्तुत किया। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन शुक्रवार को हुआ, जिसमें भारत ने वैश्विक समुद्री शासन को सुदृढ़ करने और सुरक्षित व स्वच्छ समुद्रों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। इटली में आयोजित इस कार्यक्रम में समुद्री सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण की घटनाओं, प्राकृतिक आपदाओं और समुद्री दुर्घटनाओं पर चर्चा की गई।

यह अंतरराष्ट्रीय आयोजन समुद्री सुरक्षा के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया में सर्वोत्तम विधियों को साझा करने का एक मंच भी प्रदान करता है। शिखर सम्मेलन के दौरान, उन्नत तकनीकों, क्षमता निर्माण, और मानव संसाधन विकास के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय समुद्री अपराधों से निपटने, और समुद्री सुरक्षा के साझा लोकाचार के तहत अंतर-क्षेत्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने पर भी चर्चा की गई।

भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक परमेश शिवमणि के नेतृत्व में एक दो सदस्यीय आईसीजी प्रतिनिधिमंडल ने इसमें भाग लिया। यहां 'गार्जियंस अगेंस्ट द ब्लेज़: आईसीजी टेक्निकल रिस्पांस टू फायर इमर्जेंसीज़' शीर्षक से एक व्याख्यान आयोजित किया गया, जिसमें समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने में भारत की विशेषज्ञता और रचनात्मक भूमिका को दर्शाया गया।

आईसीजी ने 2027 में होने वाले पांचवें सीजीजीएस की अध्यक्षता के लिए अपनी इच्छा व्यक्त की है। इस शिखर सम्मेलन में 115 देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस आयोजन की सह-अध्यक्षता इटली और जापान ने की, और वैश्विक महासागरीय पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सामूहिक दृष्टिकोण पर जोर दिया गया। जापान तटरक्षक बल और निप्पॉन फाउंडेशन ने 2017 में पहले शिखर सम्मेलन का आयोजन किया था, जो संवाद और विश्वास-निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण तंत्र के रूप में विकसित हुआ है।

इस शिखर सम्मेलन के चौथे संस्करण में इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने वर्चुअल माध्यम से समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया, खोज और बचाव, तथा समुद्री कानून प्रवर्तन में तटरक्षक बल के सहयोग के महत्व को उजागर किया।

Point of View

बल्कि यह देश की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थायी भूमिका को भी दर्शाता है। भारत का उद्देश्य सुरक्षित और स्वच्छ समुद्रों की दिशा में सकारात्मक कदम उठाना है, जो अंततः वैश्विक समुद्री समुदाय के लिए लाभकारी होगा।
NationPress
12/09/2025

Frequently Asked Questions

भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) का क्या उद्देश्य है?
भारतीय तटरक्षक बल का उद्देश्य समुद्री सुरक्षा, प्रदूषण नियंत्रण, और समुद्री पर्यावरण के संरक्षण को सुनिश्चित करना है।
चौथे तटरक्षक वैश्विक शिखर सम्मेलन में कौन-कौन से देश शामिल हुए?
इस सम्मेलन में 115 देशों और विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस सम्मेलन में किन मुद्दों पर चर्चा की गई?
सम्मेलन में समुद्री सुरक्षा, प्रदूषण, प्राकृतिक आपदाओं, और समुद्री कानून प्रवर्तन पर चर्चा की गई।