क्या आरएसएस आनंदू की मौत के मामले में निष्पक्ष जांच की मांग कर रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- आरएसएस ने आनंदू की मृत्यु के मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है।
- आनंदू का सुसाइड नोट आरएसएस पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाता है।
- पुलिस ने जांच शुरू कर दी है लेकिन अभी तक ठोस सबूत नहीं मिले हैं।
- आरएसएस ने आरोपों को निराधार बताया है।
- फैमिली ने गोपनीयता की मांग की है।
तिरुवनंतपुरम, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कोट्टायम जिले के पोनकुन्नम के निवासी 26 वर्षीय आनंदू की मृत्यु के मामले में तिरुवनंतपुरम के कंजिरापल्ली पुलिस उपाधीक्षक से तत्काल और निष्पक्ष जांच करने की अपील की है।
आरएसएस ने अपने खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को “निराधार” बताते हुए खारिज किया है। संगठन ने यह भी कहा है कि यह उनके प्रतिष्ठा को धूमिल करने की साजिश का हिस्सा हो सकता है।
आनंदू 9 अक्टूबर को तिरुवनंतपुरम के एक लॉज में मृत पाए गए थे। उनके इंस्टाग्राम पेज पर एक कथित सुसाइड नोट मिला, जिसमें उन्होंने उल्लेख किया कि एक आरएसएस सदस्य ने उनका यौन उत्पीड़न किया और एक आरएसएस शिविर में भी उनसे दुर्व्यवहार किया गया। इस नोट के आधार पर पुलिस ने अप्राकृतिक मृत्यु का मामला दर्ज किया है और जांच प्रारंभ कर दी है।
आरएसएस ने अपनी याचिका में कहा कि आनंदू की मृत्यु को संगठन से जोड़ने के लिए “जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण” प्रयास किए जा रहे हैं। याचिका में यह भी कहा गया है कि ये आरोप बेबुनियाद हैं और संगठन की सार्वजनिक छवि को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा हो सकते हैं। आरएसएस ने पुलिस से आग्रह किया है कि इस मामले की जांच करें, ताकि सत्य सामने आए और दोषियों को सजा मिले।
पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है जो आरोपों की पुष्टि करता हो। कंजिरापल्ली के पुलिस उपाधीक्षक ने कहा, “हम सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं। सुसाइड नोट और अन्य साक्ष्यों का विश्लेषण किया जा रहा है। जल्द ही स्थिति स्पष्ट होगी।”
आरएसएस ने कहा कि हम इस दुखद घटना से दुखी हैं, लेकिन संगठन को बदनाम करने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हम कानूनी रास्ता अपनाएंगे।
इस बीच, पुलिस ने आश्वासन दिया है कि जांच निष्पक्ष होगी और जल्द ही तथ्य सामने लाए जाएंगे। वहीं, आनंदू के परिवार ने गोपनीयता की मांग की है।