क्या आरएसएस संस्थापक को भारत रत्न देने की मांग सही है?

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क्या आरएसएस संस्थापक को भारत रत्न देने की मांग सही है?

सारांश

राजनीति के गलियारों में हलचल मची है जब भाजपा के जमाल सिद्दीकी ने आरएसएस के संस्थापक को भारत रत्न देने की मांग की। सपा के रामजीलाल सुमन ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। जानें इस विवाद के पीछे की सच्चाई और इसके राजनीतिक मायने।

Key Takeaways

  • आरएसएस के संस्थापक को भारत रत्न देने की मांग ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है।
  • सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
  • सरकार की प्राथमिकता सावरकर को भारत रत्न देने की है।
  • समाज को बांटने का आरोप आरएसएस पर लगाया गया है।

आगरा, 1 अक्‍टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को भारत रत्न देने की मांग उठाने के बाद राजनीतिक माहौल में उथल-पुथल मच गई है। इस पर समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

रामजीलाल सुमन ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए यह सवाल उठाया कि आखिरकार ऐसी मांग क्यों की जा रही है? उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहेंगे, तो डॉ. हेडगेवार को भारत रत्न अवश्य मिल जाएगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब सावरकर का चित्र संसद भवन (अब संविधान भवन) के केंद्रीय कक्ष में लगाया जा सकता है और एक एयरपोर्ट का नाम उनके नाम पर रखा जा सकता है, तो हेडगेवार को भी सम्मान और भारत रत्न मिलना निश्चित है।

सपा सांसद ने यह भी कहा कि सरकार की प्राथमिकता पहले सावरकर को भारत रत्न देने की है। उन्होंने सवाल किया कि इस साल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं, लेकिन देश की आजादी की लड़ाई में संघ का कोई योगदान नहीं रहा है। सुमन ने आरोप लगाया कि “समाज को बांटने का काम अगर किसी संगठन ने किया है तो वह आरएसएस है।”

उन्होंने आगे कहा कि आज योजनाबद्ध तरीके से इन सब चीजों को महिमामंडित करने का कार्य किया जा रहा है। व्यंग्यात्मक लहजे में उन्होंने कहा, “भविष्य में ना जाने किसकी सरकार बने, इसलिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विनम्र प्रार्थना करता हूँ कि वे स्वयं भी भारत रत्न ले लें, तो यह उनकी बड़ी कृपा होगी।”

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को भेजे गए पत्र में यह अनुरोध किया गया है कि डॉ. हेडगेवार के राष्ट्र निर्माण में दिए गए अतुलनीय योगदान को मान्यता दी जाए। पत्र में कहा गया है कि डॉ. हेडगेवार केवल एक स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे, बल्कि राष्ट्रवाद के प्रणेता और संगठन निर्माण की अद्भुत क्षमता रखने वाले दूरदर्शी नेता थे। उनके जीवन और विचारों से आज भी करोड़ों लोग प्रेरणा ले रहे हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि ऐसे मुद्दे केवल राजनीतिक चक्रव्यूह में उलझने वाले हैं। समाज को बांटने का कार्य अगर किसी ने किया है, तो वह आरएसएस है। हमें यह समझना चाहिए कि एक सशक्त समाज के निर्माण में सभी का योगदान आवश्यक होता है।
NationPress
01/10/2025

Frequently Asked Questions

आरएसएस के संस्थापक को भारत रत्न क्यों दिया जाना चाहिए?
आरएसएस के संस्थापक डॉ. हेडगेवार के योगदान को मान्यता देने की मांग की जा रही है, जो उन्हें एक स्वतंत्रता सेनानी और राष्ट्र निर्माण में उनके प्रयासों के लिए सम्मानित करने की कोशिश है।
क्या आरएसएस ने स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया?
यह विवादास्पद है क्योंकि कई लोग मानते हैं कि आरएसएस ने स्वतंत्रता संग्राम में कोई महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभाई।