क्या उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में स्वरोजगार प्रशिक्षण से महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं?

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क्या उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में स्वरोजगार प्रशिक्षण से महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं?

सारांश

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में स्वरोजगार प्रशिक्षण से महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं। ये योजनाएं न केवल उन्हें आर्थिक मजबूती प्रदान कर रही हैं, बल्कि उन्हें अपने कौशल से सशक्त भी बना रही हैं। जानिए कैसे ये महिलाएं अपने भविष्य को संवार रही हैं।

Key Takeaways

  • महिलाओं को सिलाई के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिल रहा है।
  • सरकारी योजनाएं महिलाओं को सशक्त बना रही हैं।
  • प्रशिक्षण के दौरान कौशल विकास पर जोर दिया जा रहा है।
  • महिलाएं अपने गांव में रोजगार के अवसर पैदा कर रही हैं।
  • सिलाई सीखना आज के समय की एक आवश्यक कला है।

रुद्रप्रयाग, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वरोजगार से संबंधित योजनाओं ने महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ-साथ आत्मनिर्भरता की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

जनपद रुद्रप्रयाग में इन योजनाओं के अंतर्गत महिलाओं को सिलाई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे वे अपने गांव और क्षेत्र में रोजगार प्राप्त कर रही हैं और अपनी आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर रही हैं।

पुराने विकास भवन में स्थित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) द्वारा जनपद के तीन विकासखंडों से आई 32 महिलाओं को सिलाई प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसका उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है।

आरसेटी के निदेशक किशन रावत ने बताया कि सरकार की योजनाओं के तहत महिलाओं और युवतियों को एक महीने का सिलाई प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर उन्हें स्वावलंबी बनाना है।

मास्टर ट्रेनर्स वीरेंद्र और किरण मौर्य ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को कपड़ों की कटिंग, सिलाई, और मशीनों की जानकारी दी जा रही है, और उन्होंने स्कूल ड्रेस, ब्लाउज, सीट आदि को बहुत अच्छे तरीके से सिलकर तैयार किया है।

प्रशिक्षण ले रही युवतियों और महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए हैं। मास्टर ट्रेनर दीपिका मौर्य ने बताया कि वे एक महीने का प्रशिक्षण देने आई हैं। महिलाएं और छात्राएं दूर-दूर से यहां प्रशिक्षण के लिए आई हैं। उन्हें सिलाई, तुरपाई और सूट बनाना सिखाया जा रहा है। यह कौशल सीखने के बाद वे अपने जीवन को सरल बना सकती हैं। सिलाई एक कला है और आज के समय में इसकी आवश्यकता बन गई है। महिलाएं घर में रहते हुए सिलाई से अपनी जीवन स्थिति को बेहतर बना सकती हैं। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।

प्रशिक्षु सुधा ने साझा किया कि वे आरसेटी में एक महीने से सिलाई सीख रही हैं। उन्होंने बताया कि वे यहां स्वरोजगार पाने के लिए प्रशिक्षण ले रही हैं, और यहां पर रहने और खानपान की निशुल्क व्यवस्था है। प्रशिक्षण के दौरान सिलाई की बारीकियों की जानकारी दी जा रही है।

प्रशिक्षु रिया नेगी ने कहा कि प्रशिक्षण के बाद वे स्वरोजगार चलाकर अन्य महिलाओं को रोजगार दे सकती हैं। उन्हें सूट, सलवार, और छोटे बच्चों के फ्रॉक जैसे कई कपड़े बनाना सिखाया जाता है।

Point of View

बल्कि समुदाय में भी सकारात्मक बदलाव ला रही है। यह सरकारी योजनाएं महिलाओं को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं और यह दिखाती हैं कि जब महिलाओं को अवसर दिए जाते हैं, तो वे अपने और अपने परिवार के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकती हैं।
NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या महिलाएं इस प्रशिक्षण के बाद स्वरोजगार कर सकती हैं?
जी हां, महिलाएं इस प्रशिक्षण के बाद स्वरोजगार शुरू कर सकती हैं और अन्य महिलाओं को भी रोजगार देने में सक्षम हो सकती हैं।
प्रशिक्षण में क्या-क्या सिखाया जाता है?
प्रशिक्षण में सिलाई, कपड़ों की कटिंग, और मशीनों के उपयोग के बारे में जानकारी दी जाती है।
क्या प्रशिक्षण निशुल्क है?
हाँ, प्रशिक्षण के दौरान रहने और खानपान की व्यवस्था निशुल्क है।