क्या ग्रेटर नोएडा में साध्वी सरिता गिरि का महामंडलेश्वर पट्टाभिषेक समारोह संपन्न हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- महामंडलेश्वर पट्टाभिषेक समारोह का आयोजन ग्रेटर नोएडा में हुआ।
- साध्वी सरिता गिरि को महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई।
- समारोह में प्रमुख संतों की उपस्थिति रही।
- साध्वी सरिता गिरि का पेशा वकालत था।
- वह सनातन धर्म की रक्षा के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
ग्रेटर नोएडा, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ग्रेटर नोएडा में पंचायती निरंजनी अखाड़ा के अंतर्गत साध्वी सरिता गिरि का महामंडलेश्वर पट्टाभिषेक समारोह आयोजित किया गया। इस विशेष अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष तथा श्री मनसा मंदिर ट्रस्ट हरिद्वार के अध्यक्ष महंत महेंद्र रवींद्र पुरी जी महाराज, आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि सहित अखाड़े के कई संत-महंत उपस्थित रहे।
इस समारोह में साध्वी सरिता गिरि को महामंडलेश्वर की उपाधि प्रदान की गई। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने बताया कि साध्वी सरिता गिरि को पंचायती निरंजनी अखाड़ा की ओर से इस सम्मानित उपाधि के लिए चुना गया है। इस अवसर पर अखाड़े के सभी संत यहां उपस्थित थे। हमें गर्व है कि वह संत परंपरा का हिस्सा बनी हैं। वह पहले एक वकील रह चुकी हैं और उनसे पहली मुलाकात में हमें उनकी सहजता और सरलता ने प्रभावित किया। हमें पूरा विश्वास है कि वह संत परंपरा को आगे बढ़ाने में सफल रहेंगी और सनातन धर्म की सेवा में महत्वपूर्ण योगदान देंगी।
वहीं, श्री मनसा मंदिर ट्रस्ट हरिद्वार के अध्यक्ष महंत महेंद्र रवींद्र पुरी जी महाराज ने कहा कि साध्वी सरिता गिरि को हम अपना आशीर्वाद देते हैं। हमारी परंपरा के अनुसार, पंच द्वारा महामंडलेश्वर का चयन किया जाता है। आज का कार्यक्रम इस परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। साध्वी सरिता गिरि ने दीर्घ समय तक वकालत की है, लेकिन अब उनके मन में वैराग्य का उदय हुआ है। उन्होंने सन्यास का मार्ग चुना है और अब वह महामंडलेश्वर सरिता गिरि के नाम से जानी जाएंगी, जो समाज और सनातन धर्म के प्रति अपने जीवन को समर्पित करेंगी।
नवनियुक्त महामंडलेश्वर साध्वी सरिता गिरि ने कहा कि निरंजनी अखाड़े के सभी साधु-संतों का आशीर्वाद प्राप्त करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मैं सनातन धर्म की रक्षा के प्रति प्रतिबद्ध हूं और इस विश्वास को बनाए रखूंगी। संत समाज ने हमें जो मार्ग दिखाया है, उस पर चलना हमारी जिम्मेदारी है। मैं हमेशा सनातन धर्म की रक्षा के लिए संकल्पित रहूंगी।