क्या साहेबपुर कमाल राजद का गढ़ बना रहेगा, एनडीए की नजरें?

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क्या साहेबपुर कमाल राजद का गढ़ बना रहेगा, एनडीए की नजरें?

सारांश

बिहार विधानसभा चुनाव में साहेबपुर कमाल सीट पर राजद और एनडीए की जंग, क्या होगा परिणाम? जानें क्षेत्र की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति, बढ़ते मतदान प्रतिशत के साथ।

Key Takeaways

  • साहेबपुर कमाल विधानसभा सीट बिहार के महत्वपूर्ण चुनावी क्षेत्रों में से एक है।
  • बढ़ता मतदान प्रतिशत राजनीतिक जागरूकता का संकेत है।
  • कृषि प्रधान क्षेत्र होने के कारण स्थानीय मुद्दे महत्वपूर्ण हैं।
  • यहां की जनसंख्या में महिलाओं की संख्या भी महत्वपूर्ण है।
  • राजद और एनडीए के बीच प्रतिस्पर्धा जारी है।

बेगूसराय, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दल एक-एक सीट के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस दौरान, बेगूसराय जिले की साहेबपुर कमाल विधानसभा सीट अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह सीट बेगूसराय के सात विधानसभा क्षेत्रों—चेरिया बरियारपुर, बछवाड़ा, तेघरा, मटिहानी, साहेबपुर कमाल, बेगूसराय और बखरी (एससी)—में से एक प्रमुख हिस्सा है।

यह क्षेत्र गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है और यह कृषि प्रधान है। यहां चावल, गेहूं और मक्का की खेती स्थानीय अर्थव्यवस्था की आधारशिला है, जो पीढ़ियों से चली आ रही है। बाढ़ और सिंचाई की कमी जैसी चुनौतियाँ विद्यमान हैं, लेकिन 2022 में स्वीकृत नदी पुल परियोजना से नई उम्मीदें जगी हैं।

भौगोलिक दृष्टि से, यह रेल (मुजफ्फरपुर-दरभंगा लाइन) और सड़क (एनएच-31) से जुड़ा हुआ है। जिला मुख्यालय बेगूसराय 30 किमी, खगड़िया 20 किमी, समस्तीपुर 30 किमी और पटना 120 किमी की दूरी पर स्थित है। बरौनी औद्योगिक क्षेत्र की निकटता के बावजूद, यहां की 80 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर निर्भर है।

राजनीतिक दृष्टिकोण से, साहेबपुर कमाल बिहार की नई विधानसभा सीटों में से एक है। इसकी स्थापना 2008 के परिसीमन के बाद हुई। यह बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र में है। 2010 के पहले चुनाव में जनता दल (यूनाइटेड) ने जीत हासिल की, लेकिन उसके बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने 2014 के उपचुनाव समेत तीन बार यहाँ कब्जा जमाया। 2014 का उपचुनाव तब हुआ जब जेडीयू विधायक परवीन अमानुल्लाह ने नीतीश कुमार सरकार और पार्टी से इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी (आप) का दामन थामा।

परवीन ने राजद के श्रीनारायण यादव को 11,111 वोटों से हराया। इसके बाद यादव ने 2014 और 2015 में सीट वापस जीत ली। 2020 में राजद के सत्यनंद सम्बुद्ध ने जेडीयू के राकेश कुमार को 14,225 वोटों से हराकर जीत हासिल की।

2020 से पहले, लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने एनडीए छोड़ा और साहेबपुर कमाल से उम्मीदवार उतारा, जिससे जेडीयू के मतदान प्रतिशत पर असर पड़ा। अब चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) एनडीए में लौट चुकी है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को यहाँ 1,453 वोटों की मामूली बढ़त मिली थी।

साहेबपुर कमाल का एक सकारात्मक पहलू बढ़ता मतदान प्रतिशत है। 2015 में यह 58.57 प्रतिशत था, जो 2019 के लोकसभा चुनाव में 62.33 प्रतिशत और 2020 के विधानसभा चुनाव में 62.87 प्रतिशत हो गया। कुल 1,56,563 वोट पड़े थे।

साहेबपुर कमाल विधानसभा क्षेत्र की कुल जनसंख्या 4,35,560 है, जिसमें 2,27,732 पुरुष और 2,07,828 महिलाएं शामिल हैं। मतदाता सूची में कुल 2,68,879 वोटर दर्ज हैं, जिनमें 1,41,320 पुरुष, 1,27,553 महिलाएं और 6 थर्ड जेंडर मतदाता हैं।

स्थानीय मुद्दों में बाढ़ नियंत्रण, रोजगार, प्रवासन और पुल परियोजना प्रमुख रूप से शामिल होंगे।

Point of View

राजनीतिक दलों को अपनी रणनीतियों को इस क्षेत्र में प्रभावी ढंग से लागू करने की आवश्यकता है।
NationPress
12/10/2025

Frequently Asked Questions

साहेबपुर कमाल विधानसभा क्षेत्र की जनसंख्या क्या है?
साहेबपुर कमाल विधानसभा क्षेत्र की कुल जनसंख्या 4,35,560 है।
यह क्षेत्र किस प्रकार की कृषि पर निर्भर है?
यह क्षेत्र मुख्य रूप से चावल, गेहूं और मक्का की खेती पर निर्भर है।
बढ़ते मतदान प्रतिशत का क्या महत्व है?
बढ़ता मतदान प्रतिशत दर्शाता है कि लोग अपने राजनीतिक अधिकारों के प्रति जागरूक हैं।
यह क्षेत्र किन राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण है?
यह क्षेत्र राजद और एनडीए के लिए महत्वपूर्ण है।
स्थानीय मुद्दों में क्या शामिल हैं?
स्थानीय मुद्दों में बाढ़ नियंत्रण, रोजगार, प्रवासन और पुल परियोजना प्रमुख हैं।