क्या पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री समाज को सेवा, श्रद्धा और सनातन से जोड़ते हैं?

सारांश
Key Takeaways
- पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का समाज में योगदान महत्वपूर्ण है।
- सीएम रेखा गुप्ता ने उनकी ऊर्जा की सराहना की।
- उनकी बातें सनातन धर्म के प्रति जागरूकता बढ़ाती हैं।
- जन सेवा की भावना को सशक्त बनाना आवश्यक है।
- संतों के बीच आपसी मतभेदों को दूर करना चाहिए।
नई दिल्ली, 5 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम के जाने-माने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से भेंट की। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर इस बात की जानकारी साझा की।
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री जन सेवा सदन में बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र शास्त्री का पावन स्वागत हुआ। उनकी ऊर्जा समाज को सेवा, श्रद्धा और सनातन संस्कारों से जोड़ती है। जनसेवा के इस महायज्ञ में उनकी सहभागिता जनभावनाओं को और अधिक सशक्त बनाती है और हमें निरंतर प्रेरित करती है कि 'सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है।'
उन्होंने एक वीडियो साझा किया, जिसमें सीएम शॉल ओढ़ाकर आचार्य धीरेंद्र शास्त्री का स्वागत करती नजर आ रही हैं। उन्होंने लिखा, "बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री मुख्यमंत्री जनसेवा सदन पधारे। स्नेहिल भेंट के लिए आभार।"
प्रसिद्ध हिंदू संत, कथावाचक और आध्यात्मिक गुरु पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हाल ही में संतों के बीच आपसी मतभेदों को सनातन धर्म के लिए हानिकारक बताया था।
भिवंडी के बागेश्वर सनातन मठ में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर संतों के बीच विवाद पैदा कर रहे हैं, जिससे सनातन धर्म की छवि को ठेस पहुंच रही है। उनकी इस बात को वर्तमान धार्मिक और सामाजिक परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, "सोशल मीडिया पर प्रेमानंद महाराज और जगद्गुरु रामभद्राचार्य को लेकर एक मुद्दा तेजी से फैल रहा है। मैं इस मुद्दे पर यही कहूंगा कि एक महापुरुष (प्रेमानंद महाराज) ने भागती, दौड़ती, बिछड़ती पीढ़ी को भजन से जोड़ा, जबकि जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने सुप्रीम कोर्ट में खड़े होकर रामलला के पक्ष में बयान देकर राम मंदिर निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।"
धीरेंद्र शास्त्री ने गुरु रामभद्राचार्य का समर्थन करते हुए कहा, "हमारे गुरुदेव कुछ छिपाते नहीं, जो मन में है, वही बोलते हैं। उनके मन में कोई गलत भावना नहीं है।"