क्या समाजवादी पार्टी केवल तुष्टिकरण की राजनीति करती है? कपिल देव अग्रवाल का आरोप

सारांश
Key Takeaways
- सपा पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप
- मायावती की भाजपा सरकार की सराहना
- कानपुर की घटना की जांच जारी
- बंगाल में हिन्दुओं पर अत्याचार
- राजनीति में संवाद का महत्व
लखनऊ, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि बसपा प्रमुख मायावती के मुख्यमंत्री कार्यकाल में डॉ. भीमराव अंबेडकर और कांशीराम के नाम पर स्थापित कॉलेजों के नाम सपा के सत्ता में आने के बाद बदल दिए गए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सपा केवल तुष्टिकरण की राजनीति करती है और विशेष वर्ग को खुश करने के लिए ऐसे कदम उठाती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सपा को डॉ. भीमराव अंबेडकर, कांशीराम और मायावती के नाम से नफरत है।
ज्ञात रहे कि कांशीराम की पुण्यतिथि पर मायावती ने यूपी की वर्तमान सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि हम भाजपा सरकार के आभारी हैं, क्योंकि सपा सरकार के विपरीत, इस स्थान पर आने वाले लोगों से एकत्रित धन को भाजपा सरकार द्वारा दबाया नहीं गया है।
मायावती के इस बयान पर मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि वे बसपा की वरिष्ठ नेता हैं और टीवी पर मैंने भी देखा कि उनकी बड़ी रैली थी। उन्होंने प्रदेश सरकार की सराहना की है, हम उनका धन्यवाद करते हैं। हालांकि, भाजपा की सरकार कोई भी कार्य प्रशंसा के लिए नहीं करती। कांशीराम और डॉ. बीआर अंबेडकर द्वारा दलित समुदाय के लिए किए गए कार्यों को बनाए रखना और उनके नाम पर बनाए गए स्थलों को संरक्षित करना सरकार का कर्तव्य है।
कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि भाजपा ने हमेशा मायावती का सम्मान किया है। वर्तमान में, मायावती अपनी पार्टी के लिए कार्य कर रही हैं। पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हम सभी लोग देश और प्रदेश की प्रगति के लिए काम कर रहे हैं।
बंगाल के हालात पर कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि ममता बनर्जी की सरकार में हिन्दुओं, दलितों, गरीबों और भारत माता की जय बोलने वालों पर अत्याचार हो रहा है। पुलिस थानों में शिकायतों पर सुनवाई नहीं होती। भाजपा आने वाले दिनों में इन सब मुद्दों को जनता के बीच लाएगी। मुझे विश्वास है कि पश्चिम बंगाल की जनता सही समय पर सही निर्णय लेगी।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव के आजम खान को लेकर दिए बयान पर उन्होंने कहा कि जब उनके नेता जेल में थे, तो अखिलेश यादव हाल-चाल लेने के लिए नहीं गए थे। मैं समझता हूं कि मुस्लिम समाज के पढ़े-लिखे लोगों के मन में इस बात को लेकर पीड़ा है। मुस्लिम समाज जानना चाहता है कि ऐसी कौन सी मजबूरी थी कि वे एक बार भी जेल में आजम खान का हाल-चाल लेने नहीं गए।
कानपुर की घटना को लेकर उन्होंने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। जांच चल रही है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।