क्या संभल मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई 25 अगस्त को होगी?

सारांश
Key Takeaways
- संभल मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई 25 अगस्त को होगी।
- अदालत ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है।
- मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है।
- हिंदू पक्ष ने सर्वे के लिए प्राचीन साक्ष्यों की रक्षा का तर्क दिया है।
- यह मामला प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट से जुड़ा है।
नई दिल्ली, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। यूपी के संभल जिले की शाही जामा मस्जिद के सर्वे विवाद को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अब सोमवार को सुनवाई करने वाला है। इस बीच, अदालत ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है।
यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश से संबंधित है, जिसमें निचली अदालत ने मस्जिद का सर्वे कराने के फैसले को बरकरार रखा था। मुस्लिम पक्ष ने इसी आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
सुनवाई के दौरान, मुस्लिम पक्ष के वरिष्ठ वकील हुजैफा अहमदी ने दलील दी कि हाईकोर्ट का आदेश कानून के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह टिप्पणी की कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट किसी प्रकार के सर्वे पर रोक नहीं लगाता, जबकि यह व्याख्या गलत है।
वहीं, हिंदू पक्ष ने इस मुद्दे को प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट से जोड़ने का विरोध किया। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि शाही मस्जिद पहले से ही एक संरक्षित स्मारक है, ऐसे में यहां प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट लागू नहीं होता। उन्होंने यह भी कहा कि विवादित स्थल पर मंदिर से जुड़े प्राचीन साक्ष्यों को मिटाया जा रहा है, इसलिए वहां सर्वे कराना जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस बहस के बीच हिंदू पक्ष से पूछा कि क्यों न इस मामले को उन मामलों के साथ जोड़ा जाए, जिनमें पहले से प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट से जुड़े सवाल उठाए जा चुके हैं। कोर्ट ने संकेत दिया कि मुस्लिम पक्ष इस आदेश से प्रभावित है और हाईकोर्ट ने भी अपने आदेश में इस एक्ट का जिक्र किया है।
फिलहाल, सर्वोच्च अदालत ने मामले पर अगली सुनवाई सोमवार, 25 अगस्त को तय की है। तब तक मस्जिद परिसर में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश लागू रहेगा।