क्या समीर मोदी मामले की सुनवाई बंद कमरे में होगी? साकेत कोर्ट का बड़ा निर्णय

सारांश
Key Takeaways
- सामाजिक मुद्दों पर संवेदनशीलता का ध्यान रखना आवश्यक है।
- कोर्ट के निर्णय न्याय प्रणाली की पारदर्शिता को दर्शाते हैं।
- पुलिस हिरासत में आरोपियों से महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है।
नई दिल्ली, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भगोड़े व्यापारी ललित मोदी के भाई समीर मोदी से जुड़े मामले में साकेत कोर्ट ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले की सुनवाई इन कैमरा (बंद कमरे में) की जाएगी। अदालत ने इस निर्णय को मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए लिया है।
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने अदालत से समीर मोदी की 3 दिन की पुलिस हिरासत बढ़ाने की मांग की। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि शिकायतकर्ता पहले आरोपी के साथ काम करती थी और जांच के लिए हिरासत बढ़ाना आवश्यक है।
वहीं, शिकायतकर्ता के वकील ने अदालत से अनुरोध किया कि चूंकि यह मामला बेहद संवेदनशील है, इसलिए इसकी सुनवाई इन कैमरा (बंद कमरे में) होनी चाहिए। समीर मोदी के वकील ने इस मांग का विरोध किया और तर्क दिया कि जमानत याचिका पर सुनवाई इन कैमरा में नहीं की जाती है। हालांकि, कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इन कैमरा सुनवाई की मांग को स्वीकार किया।
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने दुष्कर्म के मामले में समीर मोदी को गिरफ्तार किया है। गुरुवार को दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने की पुलिस ने समीर मोदी को हिरासत में लिया था। वह विदेश से दिल्ली लौटे थे, जहां एयरपोर्ट पर उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
समीर मोदी पर आरोप है कि उन्होंने कई साल पहले एक महिला के साथ बलात्कार किया था। यह मामला काफी पुराना है, लेकिन लंबे समय तक चल रही जांच और कानूनी प्रक्रिया के बाद पुलिस ने समीर मोदी को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने समीर मोदी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें पुलिस कस्टडी में भेजा गया। पुलिस का दावा है कि पूछताछ के दौरान कई अहम खुलासे हो सकते हैं।