क्या संविधान दिवस पर ‘आप’ फिर से डॉ. अंबेडकर स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का बोर्ड लगाएगी?
सारांश
Key Takeaways
- संविधान दिवस पर डॉ. अंबेडकर स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का बोर्ड लगाया जाएगा।
- दिल्ली की राजनीति में दलित समाज के सम्मान की लड़ाई चल रही है।
- पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शिक्षा में महत्वपूर्ण कदम उठाया।
नई दिल्ली, २२ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की राजनीति में शिक्षा और नामकरण को लेकर संघर्ष फिर से उभरा है। आम आदमी पार्टी ने यह घोषणा की है कि २६ नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर राजधानी के सभी सीएम श्री स्कूलों पर पुनः डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का बोर्ड लगाया जाएगा।
आप विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ६९ स्कूलों का नाम डॉ. अंबेडकर स्कूल ऑफ एक्सीलेंस रखा था। इससे बच्चों में संविधान निर्माता और आधुनिक भारत के निर्माता बाबा साहेब के प्रति गर्व की भावना जागृत होती थी, लेकिन वर्तमान सरकार ने इन स्कूलों के बोर्ड हटाने का कार्य शुरू कर दिया है।
कुलदीप कुमार ने आरोप लगाया कि सरकार लगातार दलित समाज और बाबा साहेब के सम्मान को मिटाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के सरकारी दफ्तरों से बाबा साहेब की तस्वीरें हटाई गई हैं। इसे उन्होंने 'दलित समाज के खिलाफ सुनियोजित साजिश' बताया।
कुलदीप कुमार ने रोहिणी क्षेत्र के एक स्कूल की तस्वीर का उल्लेख किया, जहां से अंबेडकर स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का बोर्ड हटाकर सीएम श्री स्कूल का बोर्ड लगा दिया गया है। उन्होंने दिल्ली और देशभर के दलित समाज से अपील की कि वे इस मुद्दे पर आवाज उठाएं और बाबा साहेब का अपमान करने वाली सरकार का विरोध करें।
उन्होंने कहा कि २६ नवंबर को संविधान दिवस पर आम आदमी पार्टी दिल्ली में जहां-जहां बोर्ड बदले गए हैं, वहां फिर से डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के बोर्ड लगाएगी। कुलदीप कुमार ने यह भी बताया कि आज कई देशों—अमेरिका, जापान, कनाडा और ब्रिटेन—में बाबा साहेब की प्रतिमाएं स्थापित हैं। अमेरिका में १९ फीट ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी के नाम से खड़ी है, और कोलंबिया यूनिवर्सिटी और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स ने भी बाबा साहेब के सम्मान में अपने कैंपस में प्रतिमाएं स्थापित की हैं।