क्या संजय निषाद का कहना है कि 'भारत-पाकिस्तान मैच में हमारे खिलाड़ी दिखाएंगे दम'?

सारांश
Key Takeaways
- संजय निषाद ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर विपक्ष को आड़े हाथों लिया।
- भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर उन्होंने सकारात्मक दृष्टिकोण रखा।
- उन्होंने कांग्रेस पर देश विरोधी ताकतों का समर्थन करने का आरोप लगाया।
- भारत में आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया।
लखनऊ, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर सवाल उठाने वाले विरोधियों पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के मैच के बारे में भी अपनी बात रखी। उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि भारत के खिलाड़ी पाकिस्तान को हराने की क्षमता रखते हैं।
उन्होंने एक पुराना अनुभव साझा किया, जिसमें दुबई में भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान कई मुस्लिम प्रशंसक भारत का समर्थन कर रहे थे। उन्होंने बताया कि वहां मुस्लिम भारत की टी-शर्ट खरीद रहे थे। जब मैंने उनसे पूछा, तो उन्होंने गर्व से कहा, 'हम भारतीय मुसलमान हैं और अब दुबई में रहते हैं। हमें विश्वास है कि हमारे खिलाड़ी पाकिस्तान को हराएंगे।' भारत-पाकिस्तान मैच हमेशा खास होता है, और प्रशंसक इस मुकाबले का बेसब्री से इंतजार करते हैं।
जब विपक्ष ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को तमाशा करार दिया, तो संजय निषाद ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा, “अगर यह तमाशा था, तो कांग्रेस के नेता विदेश क्यों गए? वे विरोधाभासी बयान देकर सुर्खियां बटोरना चाहते हैं।”
उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' को भारत के लिए गर्व का विषय बताते हुए कहा कि आतंकवाद से पीड़ित सभी देशों ने इसका समर्थन किया। विपक्ष विदेशी ताकतों के इशारे पर बयान देता है ताकि उनके नेता खुश रहें। अब केंद्र सरकार के नेतृत्व में कोई भी कार्रवाई सुनिश्चित करती है कि निर्दोष लोग न मारे जाएं, जबकि पहले की सरकारों में जल्दबाजी में बेगुनाहों की जान चली जाती थी।
संजय निषाद ने कांग्रेस पर देश विरोधी ताकत का साथ देने का आरोप लगाया और कहा, “पंडित नेहरू ने ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ लिखी और उसी के आधार पर प्रियंका गांधी बयान देती हैं। यही कारण है कि कांग्रेस डूब रही है। जनता अब कांग्रेस की सच्चाई समझ चुकी है और उसे सत्ता से बाहर रखना जरूरी है। भारत अब आतंकवाद और माफिया से मुक्त होगा और किसी भी आतंकवादी को बख्शा नहीं जाएगा।”