क्या मुसलमानों को भड़काना अब असफल होगा? संजय निषाद का बयान

सारांश
Key Takeaways
- मुसलमानों की जागरूकता बढ़ी है।
- संजय निषाद ने शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान देने का दावा किया।
- विपक्ष की रणनीतियों को बेनकाब करने का समय आ गया है।
- मतदाता सूची का पुनरीक्षण जरूरी है।
- शौकत अली की आलोचना की गई।
लखनऊ, २४ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने एआईएमआईएम के नेता शौकत अली पर हमला करते हुए कहा कि कुछ लोग मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को भड़काने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अब मुसलमानों में जागरूकता आ चुकी है।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "शौकत अली जैसे लोग अब जनता के सामने बेनकाब हो चुके हैं। ये लोग मुसलमानों को अपने जाल में फंसाकर उन्हें गुमराह करते थे, लेकिन अब मुसलमान गरीब नहीं रहेंगे और न ही इनका झंडा उठाएंगे। मुसलमान अब हमारे साथ हैं।"
संजय निषाद ने ये भी कहा कि उनकी सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में तेजी से कार्य कर रही है और कहा, "हमारी सरकार हर क्षेत्र में प्रगति कर रही है। शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विपक्ष अब धार्मिक भावनाओं को भड़काकर मुसलमानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन जनता सब समझ चुकी है।"
वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव के मतदाता पुनरीक्षण के संबंध में दिए गए बयान पर संजय निषाद ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा, "चुनाव आयोग को देश का लोकतंत्र चलाने का अधिकार है। इस देश का नागरिक ही लोकतंत्र में भाग ले सकता है। नागरिकता की एक प्रक्रिया है, अगर कोई नागरिक नहीं है तो वह वोट कैसे डाल सकता है? मतदाता सूची का पुनरीक्षण बहुत पहले हो जाना चाहिए था।"
संजय निषाद ने कहा कि मतदाता सूची को सही करना लोकतंत्र की मजबूती के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा, "यह कार्य समय पर पूरा होना चाहिए था ताकि केवल वैध नागरिक ही मतदान कर सकें।"