क्या सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है: जगदंबिका पाल?

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क्या सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है: जगदंबिका पाल?

सारांश

संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हुआ है। विपक्ष मतदाता सूची में एसआईआर के मुद्दे को उठा सकता है। भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने सरकार की चर्चा की तत्परता को उजागर करते हुए विपक्ष को चुनौती दी। जानिए क्या हैं उनके विचार।

Key Takeaways

  • सरकार चर्चा के लिए तैयार है।
  • विपक्ष को चुनाव आयोग से संपर्क करने की सलाह।
  • टीएमसी पर आरोप।
  • चुनाव आयोग की स्वायत्तता पर जोर।
  • गणनाकर्मियों की सुविधा का ध्यान।

नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद का शीतकालीन सत्र आज से आरंभ हो गया है। इस सत्र में विपक्ष मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे को उठा सकता है, जिस पर हंगामे की संभावना है। इसी बीच भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है

भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा, "सरकार चर्चा के लिए तैयार है। पार्लियामेंट्री अफेयर्स मिनिस्टर ने ऑल-पार्टी मीटिंग में कहा है कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन चर्चा तभी होगी जब वे प्रपोज करेंगे और स्पीकर मंजूरी देंगे। अगर वे सदन में हंगामा करते हैं और वेल में जमा होते हैं, तो वे एसआईआर पर चर्चा नहीं चाहते, वे कार्यवाही रोकना चाहते हैं। वे एसआईआर पर क्या चर्चा चाहते हैं?"

उन्होंने विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा, "मैं विपक्ष को चुनौती देता हूं। अगर एसआईआर के साथ कोई समस्या है, तो उन्हें चुनाव आयोग से संपर्क करना चाहिए। अगर कोई असली समस्या होती, तो बिहार में भाजपा की सरकार नहीं बनती।"

भाजपा सांसद ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) शासित पश्चिम बंगाल में एसआईआर पर हो रहे हंगामे को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग ने बताया है कि बीएलओ पर दबाव न डालें। लेकिन, बंगाल में कुछ जगहों पर टीएमसी के कार्यकर्ता कथित तौर पर बीएलओ पर दबाव डाल रहे हैं, जिससे ये सुसाइड और सिक्योरिटी के खतरे हो रहे हैं।"

भाजपा सांसद डॉ. के. लक्ष्मण ने कहा, "एसआईआर कोई मुद्दा नहीं है क्योंकि चुनाव आयोग एक स्वायत्त संस्था है। राहुल गांधी, जो अक्सर वोट चोरी की बात करते हैं, मतदाता सूची के शुद्धीकरण का मुद्दा उठने पर दोहरे मापदंड क्यों अपना रहे हैं? वे इसे मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन लोगों ने उन्हें नकार दिया है। एसआईआर करने में क्या गलत है?"

वहीं, दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने एसआईआर की समयसीमा बढ़ाने पर कहा, "निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष पारदर्शितापूर्ण सूची बनाने के लिए एक बड़ा अभियान छेड़ा है। यह उत्तर प्रदेश सहित देश के 12 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में चल रहा है। तारीख बढ़ने से मतदाता आराम से अपना गणना पपत्र जमा कर सकेंगे। इससे गणनाकर्मियों को भी सुविधा मिलेगी।"

Point of View

NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

सरकार एसआईआर पर चर्चा क्यों कर रही है?
सरकार का मानना है कि सभी मुद्दों पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए, विशेषकर जब बात मतदाता सूची की हो।
क्या विपक्ष हंगामा करेगा?
हंगामे की संभावना बनी हुई है, लेकिन यदि विपक्ष चर्चा में भाग लेता है तो यह लोकतंत्र के लिए बेहतर होगा।
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