संतरा: क्या यह स्वाद, सेहत और सौंदर्य का खजाना है?
सारांश
Key Takeaways
- संतरा सेहत और सौंदर्य का खजाना है।
- रोज़ एक संतरा खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
- संतरे का रस डिटॉक्स करने में सहायक है।
- यह दिल की सेहत के लिए फायदेमंद है।
- संतरा त्वचा को निखारने में मदद करता है।
नई दिल्ली, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। संतरा सिर्फ स्वाद में मजेदार नहीं है, बल्कि इसमें सेहत और सौंदर्य का एक अद्भुत खजाना छिपा हुआ है। यह फल विटामिन-सी, फाइबर और मिनरल्स से भरपूर होता है, जो शरीर को अंदर से मज़बूत बनाता है। आयुर्वेद में इसे नारंगी फल कहा गया है, जो पित्त और कफ दोष को संतुलित रखने में सहायक है। इसका रस शरीर को ठंडक प्रदान करता है, मन को ताजगी देता है और चेहरे की चमक को बढ़ाता है।
अगर रोज़ एक संतरा खाया जाए, तो रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। इसमें मौजूद विटामिन सी शरीर की इम्यून कोशिकाओं को मज़बूत करता है, जिससे सर्दी-जुकाम, संक्रमण और थकान जैसी समस्याएँ दूर रहती हैं। यह शरीर को डिटॉक्स भी करता है। सुबह खाली पेट एक गिलास संतरे का रस पीने से जिगर और गुर्दे साफ होते हैं और शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं।
संतरा दिल की सुरक्षा भी करता है। इसमें पोटैशियम और फाइबरब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में सहायक है। इस फल का रेशा (फाइबर) पाचन को सुधारता है और पेट की समस्याओं से राहत देता है।
यदि खूबसूरती की बात करें, तो संतरा का कोई मुकाबला नहीं है। इसका रस और छिलका दोनों ही एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। छिलके का पाउडर चेहरे पर लगाने से चमक
इसमें विटामिन-ए भी होता है, जो आँखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही इसमें कैल्शियम और मैग्नीशियम होते हैं, जो हड्डियों को मज़बूत करते हैं और दर्द से राहत देते हैं।
संतरे की खुशबू भी एक प्राकृतिक थेरेपी का काम करती है। यह तनाव, चिंता और थकान को कम करती है। आयुर्वेद में इसे मनः प्रसादक फल कहा गया है, यानी ऐसा फल जो मन को प्रसन्न रखता है। इसके अलावा, संतरे में मौजूद फ्लेवोनॉइड्स और लिमोनॉइड्स शरीर को कैंसर और संक्रमण से बचाते हैं।
संतरा खाने का सही समय सुबह या दोपहर है। इस दौरान ताजा संतरा या उसका जूस पीना बेहतर होता है। हालाँकि, दूध या दही के साथ संतरा नहीं लेना चाहिए और ठंड के मौसम में रात में इसका सेवन नहीं करना चाहिए।