क्या संविधान पीडीए के लिए 'किस्मत की किताब' है? एसआईआर वोट काटने की साजिश: अखिलेश यादव
सारांश
Key Takeaways
- संविधान का महत्व वंचित वर्गों के लिए अनमोल है।
- एसआईआर के नाम पर वोट काटने की साजिशें चिंताजनक हैं।
- आगरा में मेट्रो और रिवरफ्रंट विकास की दिशा में कदम हैं।
आगरा, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने डॉ. भीमराव अंबेडकर परिनिर्वाण दिवस पर केंद्र और प्रदेश सरकार पर कड़ा हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस संविधान ने देश के वंचित वर्गों को हक और सम्मान दिया, उसे कमजोर करने की कोशिशें बढ़ रही हैं और एसआईआर के नाम पर वोट काटने की साजिशें चल रही हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा दिया गया संविधान पीडीए वर्ग की 'किस्मत की किताब' है। यदि यह किताब न होती, तो वंचित तबकों को न जाने किन कठिनाईयों का सामना करना पड़ता। उन्होंने कहा कि वर्चस्ववादी ताकतों ने कई बार पीडीए समाज का अपमान किया है, और यहाँ तक कि सुप्रीम कोर्ट में जूता फेंके जाने जैसी घटनाएँ भी देखी जा चुकी हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि संविधान ही हक, सम्मान और बराबरी से चलने का अवसर प्रदान करता है। आरक्षण संविधान की देन है; यदि संविधान कमजोर होगा, तो लोकतंत्र और आरक्षण दोनों खतरे में पड़ जाएंगे। एकतंत्रीय सोच वाले लोग देश को 'मनविधान' से चलाना चाहते हैं।
सपा के मुखिया ने एसआईआर को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि हर तरफ मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण की चर्चा है, लेकिन इसमें वोट जोड़ने से ज्यादा वोट काटने की प्रवृत्ति दिखाई दे रही है। यह पहली बार है जब सुनने में आ रहा है कि संविधान से बनी संस्था वोट बनवाने के बजाय वोट कटवाने में दिलचस्पी ले रही है। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे अपना नाम मतदाता सूची में अवश्य जोड़वाएं। साथ ही, उन्होंने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को ऐतिहासिक समर्थन मिलेगा।
उन्होंने कहा कि आगरा की मेट्रो समाजवादी सरकार की देन है, एक्सप्रेस-वे हमने बनाया। भाजपा की डबल इंजन सरकार आज तक इस तरह की एक भी सड़क नहीं बना पाई। यमुना की दुर्दशा पर भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि नदी की हालत नाले जैसी हो गई है। सफाई के सभी दावे झूठे हैं। सपा की सरकार बनते ही यमुना को गोमती की तरह साफ किया जाएगा और आगरा में रिवरफ्रंट विकसित होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पार्टी ने भी समीकरण बनाना सीख लिया है। उसी प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारा जाएगा जो जनता की सेवा करता हो। आगरा की पहचान, ताजमहल, दरगाह और स्थानीय हुनर, को आगे बढ़ाया जाएगा।
फतेहपुर सीकरी में शेख सलीम चिश्ती की दरगाह पर चादर चढ़ाने के बाद उन्होंने कहा कि यह स्थल भारत की मिली-जुली संस्कृति की गवाही देता है। हमारी हिन्दुस्तानियत इसी साझी संस्कृति और भाईचारे में बसती है। अखिलेश यादव ने दरगाह पर देश की तरक्की, अमन और सद्भाव के लिए दुआ मांगी और बुलंद दरवाजा समेत ऐतिहासिक धरोहरों का अवलोकन किया।