क्या संविधान की सुरक्षा से धर्म भी सुरक्षित रहेगा? : सपा नेता फखरुल हसन
सारांश
Key Takeaways
- संविधान का महत्व धर्म की सुरक्षा में है।
- हर व्यक्ति की धार्मिक आस्था का सम्मान होना चाहिए।
- भारत एक लोकतांत्रिक देश है।
- सभी धर्मों के अधिकार संविधान के तहत सुरक्षित हैं।
- राजनीतिक बयानों पर प्रतिक्रिया आवश्यक है।
लखनऊ, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के उस विवादास्पद बयान पर कि हिंदू नहीं रहने पर पूरी दुनिया खत्म हो जाएगी, राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब तक संविधान सुरक्षित है, तब तक धर्म भी सुरक्षित रहेगा।
फखरुल हसन ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया, "इस देश में डॉ. भीमराव अंबेडकर का संविधान लागू है। यहाँ सभी को धार्मिक आजादी प्राप्त है। संविधान के कारण सभी के अधिकार सुरक्षित हैं। जो लोग यह सोचते हैं कि किसी धर्म का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा, वे गलत हैं। समाजवादी पार्टी का मानना है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहाँ लोकतंत्र और सभी के धार्मिक अधिकार सुरक्षित हैं।"
सपा के नेता ने पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता के बाबरी मस्जिद बनाने वाले बयान पर भी बात की, उन्होंने कहा, "समाजवादी पार्टी इटावा में एक भव्य मंदिर का निर्माण करवा रही है, जिसे देखने और चंदा देने के लिए भाजपा, टीएमसी और कांग्रेस समेत सभी दलों को आना चाहिए। सपा का भव्य मंदिर जल्द ही तैयार हो जाएगा।"
उन्होंने आगे कहा, "हर व्यक्ति की अपनी आस्था होती है। देश में धार्मिक स्वतंत्रता है। लोग जहाँ अपनी आस्था महसूस करते हैं, वहीं जाते हैं। हम इटावा में मंदिर का निर्माण करवा रहे हैं, जिसमें सभी को आना चाहिए।"
हाल ही में वाराणसी कोर्ट ने लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को भगवान राम को काल्पनिक बताने वाले बयान पर पेश होने का आदेश दिया है, जिस पर सपा प्रवक्ता ने कहा, "यह एक न्यायिक प्रक्रिया है। भाजपा की एजेंसियों के मुकदमे का विपक्षी पार्टियों को सामना करना पड़ रहा है। न्यायपालिका में इसका उचित उत्तर दिया जाना चाहिए।"